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    बिहार में क्या शुगर फैक्ट्री का नाम बदलकर ‘शुगर काम्प्लेक्स’ रखा जाएगा

    By Amrendra Tiwari Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Tue, 09 Dec 2025 11:13 PM (IST)

    Bihar Latest News : मुजफ्फरपुर के गन्ना किसानों ने चीनी मिलों में चीनी के साथ एथेनाल, बिजली, खाद जैसे कई उत्पादों के निर्माण को देखते हुए शुगर फैक्ट्र ...और पढ़ें

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    मुजफ्फरपुर में बिहार राज्य गन्ना किसान मोर्चा की बैठक में मौजूद किसान। जागरण

    अमरेंद्र तिवारी, मुजफ्फरपुर । गन्ना किसानों ने कहा है कि शुगर फैक्ट्री का नाम बदलकर शुगर काम्प्लेक्स किया जाना चाहिए, क्योंकि अब चीनी मिलों में सिर्फ चीनी ही नहीं, यहां एथेनाल, बिजली, खाद, गत्ता, कागज और जलावन समेत कई उत्पादों का निर्माण हो रहा है। ऐसे में परंपरागत नाम की जगह बहुआयामी उत्पादन इकाई के अनुरूप नया नाम आवश्यक है।

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    गन्ना किसानों ने बिहार सरकार की ओर से नौ बंद चीनी मिलों को चालू करने और 25 नई मिलों की स्थापना के प्रस्ताव का स्वागत किया। पताही में आयोजित बैठक की अध्यक्षता बिहार राज्य गन्ना किसान मोर्चा के अध्यक्ष अशोक प्रसाद सिंह ने की।

    बैठक में गन्ना किसानों की समस्याओं और समाधान पर विस्तार से चर्चा हुई। मोर्चा ने निर्णय लिया कि 11 सदस्यीय दल मंत्री और वरीय अधिकारियों से मिलकर चीनी मिलों को चालू करने संबंधी अध्ययन और सुझाव सरकार को सौंपेगा।
    बैठक में उद्यान रत्न किसान भोलानाथ झा, सुधा डेयरी के पूर्व चेयरमैन वीरेंद्र राय, पैक्स अध्यक्ष धर्मेंद्र प्रसाद सिंह, किसान नेता चंदेश्वर चौधरी, वरुण कुमार झा और लाल बाबू राय सहित अन्य किसान मौजूद रहे।

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    मुजफ्फरपुर में बैठक करते। 

    गन्ना किसान मोर्चा ने सरकार को दिए यह सुझाव 

    •  राज्य सरकार पुनः सर्वे कर नई तकनीक पर आधारित आधुनिक चीनी मिलों की स्थापना करे, साथ ही एथेनाल, बिजली, खाद और कागज की फैक्ट्रियां भी लगाई जाएं।
    • एक चीनी मिल को चालू करने में लगभग 3000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसलिए पहले चरण में मोतिहारी, मोतीपुर, लोहट, रैयाम, सकरी, बनमनखी, सासामूसा, मढ़ौरा, समस्तीपुर, बारा-चकिया, चनपटिया और बिहटा की मिलों को चालू किया जाए।
    • दस हजार टन क्षमता की फैक्ट्री लगने पर रोजाना 1.20 लाख टन गन्ने की पेराई संभव होगी। इसके लिए तीन लाख हेक्टेयर में गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए तीन साल का विशेष अभियान चलाया जाए।
    • 140 दिनों तक निरंतर गन्ना पेराई नहीं होगी तो मिलें सुचारू रूप से नहीं चल पाएंगी। प्रत्येक चीनी मिल के लिए कम से कम 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना खेती सुनिश्चित की जाए और किसानों को इसके लिए प्रोत्साहन मिले।
    •  गन्ना बकाया का अविलंब भुगतान हो। गन्ना खेती के लिए उत्तम प्रजाति का बीज और मिलों से निकलने वाली छाई किसानों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाए।
    • घटतौली रोकने के लिए सभी चीनी मिलों में सरकारी धर्मकांटा लगाया जाए और कैन एक्ट का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित हो।