अहियापुर में चिट फंड कंपनी के दफ्तर पर छापा, 4 नेपाली आरोपित गिरफ्तार
मुजफ्फरपुर के अहियापुर में पुलिस ने एक चिटफंड कंपनी के दफ्तर पर छापा मारकर चार लोगों को गिरफ्तार किया, जो नेपाल के रहने वाले हैं। इन पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का आरोप है। पुलिस ने यह कार्रवाई रंजीत कापड़ नामक एक पीड़ित की शिकायत पर की।
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चिट फंड चलाने के आरोप में अहियापुर पुलिस की गिरफ्त में आरोपित। (जागरण)
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। अहियापुर के कोल्हुआ पैगंबरपुर इलाके में चल रही चिट फंड कंपनी के दफ्तर पर रविवार शाम पुलिस ने छापेमारी की। इस दौरान वहां से चार कर्मियों को गिरफ्तार किया गया। ये सभी नेपाल के रहने वाले बताए गए है। ये सभी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का भी धंधा करते थे।
पुलिस इन सभी से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई कर रही है। पुलिस का कहना है कि ठगी के शिकार नेपाल के मोहतरी जिले के गोसल्ला थाना इलाके के औरोही के रंजीत कापड़ ने शिकायत की थी। इसके बाद कार्रवाई की गई।
थानाध्यक्ष रोहन कुमार ने बताया फर्जी कार्यालय खोलकर युवकों से नौकरी के नाम पर ठगी करने की सूचना मिली थी। इसके बाद छापेमारी कर चार युवकों को पकड़ा गया है। कार्यालय से कई तरह के कागजात जब्त किए गए हैं। इसकी छानबीन की जा रही है।
पीड़ित रंजीत कापड़ ने पुलिस को बताया कि नेपाल के काबे जिला के दहन बहादुर मल्ला गांव का सुजन दुनगाना, दैलेख जिला के नारायण नगर पालिका टू का हेमराज मल्ला, तल्हू जिला के रामपुर गांव का यशराम तमांड व चंद्रवती पोखरी थाने के भानुनगर गांव का भरत अधिकारी उसे जाब दिलाने का झांसा देकर कोल्हुआ पैगंबरपुर में राहुल कुमार के मकान पर बुलाया। यही पर सभी लोग रहते हैं। साथ ही बैरिया स्थित संतोष कुमार के मकान में ट्रेनिंग करवाता है।
चारों आरोपित की मिलीभगत है। कंपनियों में कंप्यूटर ऑपरेटर, अकाउंटेंट आदि की नौकरी दिलाने के लिए कैश व खाते के माध्यम से पैसे लेते हैं। इसमें उक्त लोगों ने उससे 2 लाख 20 हजार रुपये लिए गए। एक सप्ताह बैरिया स्थित संतोष कुमार के मकान में ट्रेनिंग करवाई।
ट्रेनिंग के दौरान उसके अलावा अनिल बहादुर थापा, वेदकर्न, धनश्याम भुजैल, अर्जुन भुजैल, सुरेश लामा, सुशील लामा से संपर्क हुआ। ये सभी भी साथ में ट्रेनिंग कर रहे थे। इन लोगों के द्वारा बताया गया कि सुजन दुनगाना, हेमराज मल्ला, यशराम तमांड, भरत अधिकारी मिलकर उन लोगों से भी जॉब दिलाने के नाम पर लगभग साढ़े चार लाख रुपये की ठगी कर चुके हैं।
सभी आरोपितों ने उन्हें बताया कि तीन-चार व्यक्ति को अपने साथ लेकर उन लोगों के साथ जोड़ेंगे। इससे नौकरी स्थाई कर देंगे। सैलरी भी मिलना चालू हो जाएगी। इसके बाद उसने सभी आरोपितों से रुपये की मांग करने लगे। आरोपितों ने रुपये वापस नहीं किया। इसके बाद उसे संदेह हुआ कि वह नौकरी को लेकर ठगी का शिकार हो गया है।
रंजीत कापड़ ने पुलिस को बताया कि सभी आरोपित अन्य लोगों के साथ मिलकर चिटफंड कंपनी चलाते है। बेरोजगार युवकों को जॉब दिलाने के नाम पर ठगी करते हैं।

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