मुजफ्फरपुर में एक ही परिवार के पांच लोग जिंदा जले, 5 गंभीर रूप से घायल; कैसे हुआ हादसा?
मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में एक दुखद घटना में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की जिंदा जलने से मौत हो गई। इस हादसे में पांच लोग झुलस गए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुंचा और राहत कार्य शुरू किया गया। ताजा जानकारी के लिए जागरण के साथ बने रहें।

एक ही परिवार के पांच लोग जिंदा जले। फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, मोतीपुर (मुजफ्फरपुर)। मोतीपुर बाजार स्थित मकान में आग लगने से संदिग्ध परिस्थिति में पांच लोग जिंदा जल गए। जानकारी के अनुसार, मोतीपुर नगर परिषद के वार्ड 13 नेता रोड में दिवंगत गेना साह का मकान है। गेना डीलर थे। उनकी लगभग पांच वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है। उनका बड़ा बेटा ललन साह अपने छोटे भाई मुकेश कुमार उर्फ अर्जुन कुमार के साथ किराना दुकान चलाता है।
मकान के ग्राउंड फ्लोर पर दुकान है, जबकि पहले तल्ले पर बच्चों का निजी अस्पताल है। दूसरे तल्ले पर ललन साह परिवार के साथ रहते थे। रात में ललन अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ एक कमरे में सोए थे, जबकि उनकी मां दूसरे कमरे में थीं। मकान के तीसरे कमरे में मामा, मामी और उनके बच्चे थे।
ललन की बहन भी उसी में सोई थी। ललन का भाई मुकेश अपनी किराना दुकान के बगल के कमरे में सबसे नीचे सोया था। वह बचाने में झुलस गया। आसपास के लोगों ने बताया कि सुबह लगभग चार बजे चिल्लाने की आवाज सुनकर जब वे लोग उठे तो देखा कि ललन साह के मकान के ऊपरी तल्ले में आग लगी है। आग में कई लोग फंसे थे।
इसकी सूचना मोतीपुर पुलिस और अग्निशमन दस्ते को दी गई। पहले तल्ले पर स्थित अस्पताल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। घटना के समय उसमें कोई मरीज नहीं था। केवल एक अटेंडेंट था।
डीएसपी पश्चिमी सुचित्रा कुमारी और अंचलाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया। उन्होंने कहा कि घटना की छानबीन की जा रही है। झुलसे लोगों में ललन साह के मामा लालबाबू साह (45), मामी पुष्पा देवी (42), बहन माला देवी (28), साक्षी कुमारी (18) और भाई अर्जुन कुमार (20) शामिल हैं।
दीवार और एसबेस्टस तोड़कर पाया आग पर काबू
मोतीपुर में घर में आग लगने की सूचना फैलते ही स्थानीय लोग बड़ी संख्या में जुट गए। जब अग्निशमन टीम मौके पर पहुंची तो दोमंजिला मकान के तीनों कमरों में लगी आग को बुझाना अत्यंत कठिन था। धुएं के कारण सीढ़ी से ऊपर जाना मुश्किल हो रहा था। बगल की छत से लालबाबू प्रसाद के घर की तीसरी मंजिल पर आग बुझाने के लिए एसबेस्टस के साथ ही बगल की दीवार भी तोड़ी गई।
इसके बाद आग पर काबू पाने के लिए पानी की बौछार की गई। घटना की सूचना मिलने के बाद जिलाधिकारी ने एसकेएमसीएच प्रशासन को अलर्ट कर दिया। इसके बाद झुलसे हुए लोगों के वहां पहुंचते ही इलाज शुरू कर दिया गया। उपाधीक्षक डा. सतीश कुमार सिंह ने बताया कि झुलसे तीन मरीज 70 प्रतिशत तक जल गए हैं, जबकि एक 80 प्रतिशत जला है। सभी की स्थिति चिंताजनक है। भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है। एक मरीज को पटना रेफर किया गया है।
नेपाल से बीमार चाचा को देखने आई थी माला
माला ने बताया कि वह नेपाल से अपने बीमार चाचा को देखने आई थी। चाचा और बुआ दोनों बीमार थे, इसलिए वह यहां आई थी। उसे गुरुवार को नेपाल लौटना था, लेकिन चाचा ने कहा कि शनिवार को चली जाना। इस कारण वह रुक गई थी। परिवार के सभी लोग रात में सो रहे थे।
सुबह साढ़े चार बजे के आसपास धमाके की आवाज सुनकर वह जाग गई और देखा कि पूरे घर में आग फैल गई थी। धुएं के कारण उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। कमरे से भागने का प्रयास करते समय वह गिर गई। किसी तरह हिम्मत जुटाकर चाची पुष्पा के साथ बाहर निकली। चाचा लालबाबू प्रसाद भी भागने के दौरान झुलस गए।

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