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    Muzaffarpur News: 9 साल बाद माओवादी रंगदारी केस में 6 आरोपियों पर मुकदमा स्वीकृति, 12 दिसंबर को सुनवाई

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 07:02 AM (IST)

    मुजफ्फरपुर में 9 साल पुराने माओवादी रंगदारी मामले में 6 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की स्वीकृति मिल गई है। इस मामले की सुनवाई 12 दिसंबर को होगी। यह ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। नौ वर्ष पूर्व सकरा थाना इलाके के अलग-अलग दो कारोबारियों से चिठ्ठी फेंककर रंगदारी मांगने के मामले में छह अप्राथमिकी अभियुक्तों पर अभियोजन स्वीकृति मिल गई है।

    इसमें वैशाली जिले के हरलोचनपुर सुक्की पातेपुर के गोविंद सहनी उर्फ सुरेंद्र सहनी, विशुनपुर कटेसर के मोहम्मद अनवर, सकरा के मंडई के मोहम्मद अनवर, सकरा के मड़वन के दिनेश कुमार झा, पहाड़पुर बलिगांव के चंदन पासवान व थाथन बुर्जूग के रोहित सहनी उर्फ बबलु सहनी उर्फ गौतम शामिल है।

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    मिठनपुरा थाना के पक्की सराय निवासी वर्तमान में सकरा के सुजावलपुर निवासी बेल्डिंग कारोबारी मोहम्मद टुन्ना की दुकान में चिठ्ठी फेंककर पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। मामले में कारोबारी ने चार अगस्त 2016 को सकरा थाने में प्राथमिकी कराई थी।

    मामले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद उक्त छह अप्राथमिकी अभियुक्तों पर संज्ञान लिया है। मामले में अगली सुनवाई 12 दिसंबर को निर्धारित की गई है। प्राथमिकी में पीड़ित ने एक मोबाइल नंबर धारक को आरोपित किया था।

    कारोबारी ने कहा था कि सुजावलपुर चौक पर उनकी बेल्डिंग की दुकान है। दो अगस्त 2016 को उन्हें एक नंबर से काल आया कि उनके दुकान में चिठ्ठी फेंकी गई है। भारत माओवादी उत्तर बिहार कम्यूनिस्ट पार्टी पश्चिम जोनल कमेटी के नाम से पांच लाख रुपये की मांग की गई। रुपये नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी।

    मामले में पुलिस उपाधीक्षक पूर्वी ने उपरोक्त अप्राथमिकी अभियुक्तों पर 20 जनवरी 2017 को आरोप पत्र दायर किया था। वहीं सकरा के मड़वन निवासी दूध कारोबारी रामप्रीत राय ने 23 जुलाई 2016 को सकरा थाने में प्राथमिकी कराई थी।

    इसमें कहा था कि वह घटना की तिथि को 11 बजे घर से दूध देने के लिए मुजफ्फरपुर जा रहे थे। वसुंधरा कालेज के नजदीक एक बाइक सवार ने उन्हें रोका। उन्हें लिफाफा थमाया। पूछने पर कहा विवेक भैया दिए है।

    चूंकि वह पढ़ना नहीं जानते है। इसलिए वह कुछ देर के बाद एक व्यक्ति से चिठ्ठी को पढ़वाया। पता चला माओवादी के नाम से छपे कागज में उनका नाम लिखा गया था। इसमें 10 लाख की रंगदारी की मांग की गई थी। फिर 24 जुलाई को उनके घर पर रह रहे रिश्तेदार विजय शंकर राय को एक नंबर से काल आया।

    उधर से उक्त रंगदारी नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी गई। इस मामले में भी उपरोक्त छह अप्राथमिकी अभियुक्तों पर तत्कालीन डीएसपी पूर्वी ने यूएपीए एक्ट में 20 जनवरी 2017 को आरोप पत्र दायर किया था। आरोपितों पर अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद अब संज्ञान लेना शेष बच गया है।