बिहार का प्याज अब भेजा जाएगा नेपाल, सरकार उपज के भंडारण के लिए बना रही कोल्ड स्टोरेज
मुजफ्फरपुर से बिहार का प्याज अब नेपाल भेजा जाएगा जिसके लिए काठमांडू से बड़े ऑर्डर मिले हैं। तिरहुत सब्जी संघ और सहकारिता विभाग मिलकर हर महीने 500 मीट्रिक टन प्याज भेजने की तैयारी कर रहे हैं। शुरुआत में बिहारशरीफ और पटना के किसानों से प्याज लिया जाएगा फिर अन्य सब्जियां भी भेजी जाएंगी। सहकारिता मंत्री की पहल से किसानों को सीधा बाजार मिलेगा।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बिहार का प्याज अब नेपाल के बाजार में जाएगा। इसके लिए नेपाल की राजधानी काठमांडू से बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिले हैं। तिरहुत सब्जी संघ और सहकारिता विभाग की पहल पर हर महीने करीब 500 मीट्रिक टन प्याज नेपाल भेजने की तैयारी की जा रही है।
संघ के अध्यक्ष अमित कुमार शुक्ला ने बताया कि नेपाल के व्यापारियों की मांग के बाद किसानों से संपर्क किया जा रहा है। फिलहाल बिहारशरीफ और पटना क्षेत्र के प्याज उत्पादक किसानों से बातचीत चल रही है। पहले चरण में इन क्षेत्रों से प्याज की खेप भेजी जाएगी। इसके बाद हरी सब्जियां और आलू भी नेपाल भेजने की योजना है।
उन्होंने बताया कि सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार की पहल पर इस दिशा में काम शुरू हो गया है। इससे सब्जी उत्पादक किसानों को सीधा बाजार मिलेगा और उन्हें अधिक लाभ होगा। नेपाल में सब्जियां भेजने की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। शुरुआत में यह एक ट्रायल प्रोजेक्ट है, लेकिन भविष्य में इसका दायरा बढ़ाकर किसानों और सहकारी समितियों को बड़ा लाभ देने की योजना है।
फिलहाल हर हफ्ते करीब 45 मीट्रिक टन सब्जियां विदेश भेजने की योजना पर भी काम चल रहा है। सहकारिता विभाग की मदद से सब्जी उत्पादक समितियों को बुनियादी ढांचा और संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं। परवल, करेला, बैगन, कटहल, केला, आलू और प्याज को अलग-अलग मंडियों में भेजने की तैयारी की जा रही है।
किसानों की उपज को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने एक नई योजना भी बनाई है। इसके तहत सभी प्रखंडों में 10-10 मीट्रिक टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज और 20 मीट्रिक टन के गोदाम बनाए जा रहे हैं। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा और उन्हें नुकसान से बचाया जा सकेगा।
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