Health Tips: कम करना है मोटापा तो जान लें आसान उपाय, बहुत काम आएगी डाइटिशियन की ये सलाह
आहार विशेषज्ञ शेफाली सिंह ने दैनिक जागरण के कार्यक्रम में मोटापा कम करने के लिए डबल प्लेट भोजन विधि अपनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि थाली में दाल सब्जी और सलाद की मात्रा अधिक होनी चाहिए। मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले रोगियों को मीठी चीजों और नमक का सेवन कम करना चाहिए। बच्चों को जंक फूड से दूर रखकर प्रोटीन युक्त आहार देना चाहिए।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। मोटापा कम करने के लिए डबल प्लेट भोजन विधि का पालन करें। यानी थाली में चावल कम हो और दाल, सब्जी, सलाद की मात्रा दोगुनी हो।
वहीं तली-भुनी चीजों, साथ ही बाजार में मिलने वाले तैयार खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं। यह सलाह आहार विशेषज्ञ (डाइटिशियन) शेफाली सिंह ने दैनिक जागरण की ओर से आयोजित प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में दी। उन्होंने पाठकों के आहार संबंधी सवालों के उत्तर भी दिए। प्रस्तुत हैं कुछ प्रमुख प्रश्न के जवाब।
प्रश्न : मोटापा व अन्य बीमारी से बचाव को हमारा आहार किस तरह का होना चाहिए ?
उत्तर : खाने में पनीर, अंडा, मुर्गी, मछली जैसे प्रोटीन युक्त चीजों को शामिल करें। लाल मांस (मटन) से बचें। रोटी और चावल सीमित मात्रा में खाएं। भोजन से आधे घंटे पहले पानी पीएं और खाने के लगभग डेढ़ घंटे बाद पानी पीएं। पानी धीरे-धीरे और चबाते हुए पीएं, जैसे भोजन चबाकर खाते हैं।
प्रश्न : मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले मरीजों के लिए किस प्रकार का आहार रहना चाहिए ?
उत्तर : मधुमेह (डायबिटीज़) से पीड़ित लोग मीठी चीजों के साथ-साथ डिब्बाबंद और ताजे फलों के रस से भी परहेज करें। फल जैसे आम और अनार खा सकते हैं, लेकिन सीमित मात्रा में। उच्च रक्तचाप (बीपी) और गुर्दा (किडनी) रोगियों को खाने में नमक की मात्रा बहुत कम रखनी चाहिए, नहीं तो शरीर में सूजन आ सकती है।
प्रश्न : मोटापा कम करने के लिए मध्याह्न उपवास (इंटरमिटेंट फास्टिंग) भी कितना लाभकारी है?
उत्तर : उपवास भी जरूरी है, लेकिन शाम को सात बजे के बाद खाना बंद कर दें। अगले दिन सुबह सात बजे या उसके बाद ही अगला भोजन लें। यह उपवास बारह से सोलह घंटे तक का हो सकता है।
इससे शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम करने में मदद मिलती है। लेकिन जिन लोगों को कमजोरी होती है, वे चिकित्सक की सलाह के बिना यह उपाय न अपनाएं।
प्रश्न : बच्चों में मोटापे की मुख्य वजह क्या हैं?
उत्तर : बच्चों को जब पिज्जा, बर्गर, चाकलेट की मांग होती है, तो माता-पिता तुरंत दे देते हैं। यह आदत बच्चों में मोटापे और दूसरी बीमारियों को जन्म देती है। इसलिए उन्हें घर का बना, प्रोटीन युक्त खाना देना चाहिए जैसे दाल, राजमा, चना, अंडा, चिकन, मछली आदि।
खुले बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थ में बाहर का तेल कई बार दोबारा इस्तेमाल होता है, जो बच्चों में छोटी उम्र में ही मधुमेह, फैटी लिवर और अपेंडिक्स जैसी बीमारियां ला देता है।
इन बातों का रखें ध्यान
एक बार में दो रोटी से अधिक न खाएं, चावल कम मात्रा में लें
रात में हल्का भोजन करें यानी दाल, सब्जी और एक-दो रोटी, मीठा कम लें, गुड़ बेहतर विकल्प है, दिनभर खूब पानी पीएं
इन लोगाें ने किया सवाल
संकेत कुमार अघोरिया बाजार, गुड्डू पासवान पानापुर, सिद्धेवर प्रसाद लक्ष्मीनारायण रोड, अभिषेक कुमार पड़ाव पोखर, कृष्ण मोहन ढोली बाजार, राघवेन्द्र झा रामपुर हरि, राजेन्द्र ठाकुर कटरा मुख्य रूप से शामिल रहे।
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