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    Muzaffarpur Smart City: चौथी डेडलाइन 15 सितंबर तक, सिकंदरपुर लेक फ्रंट के विकास का काम एक चौथाई बाकी

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 02:05 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी योजना के तहत सिकंदरपुर लेक फ्रंट विकास का काम समय सीमा के बाद भी अधूरा है। एजेंसी को कई बार समय विस्तार मिला फिर भी 25% काम बाकी है। कार्य की गुणवत्ता पर सवाल हैं और एजेंसी पर जुर्माना भी लगा है। योजना में झीलों का सौंदर्यीकरण मनोरंजन स्थल और स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास शामिल है। असामाजिक तत्वों के कारण काम में बाधा आ रही है।

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    चौथी डेडलाइन 15 सितंबर तक, सिकंदरपुर लेक फ्रंट के विकास का काम एक चौथाई बाकी

    प्रमोद कुमार, मुजफ्फरपुर। तय समय के ढाई साल बाद भी स्मार्ट सिटी के सिकंदरपुर लेक फ्रंट विकास योजना का काम पूरा नहीं हुआ है। तय समय में काम पूरा नहीं करने पर एजेंसी को चार बार समय विस्तार मिला। चौथी बार मिले समय विस्तार का डेडलाइन भी 15 सितंबर को समाप्त हो जाएगा, लेकिन अभी भी एक चौथाई काम बाकी है।

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    इतना ही नहीं, कार्य कर रही एजेंसी की कार्यप्रणाली एवं कार्य की गुणवत्ता भी कटघरे में है। सही से काम नहीं करने के कारण कई बार एजेंसी को पूर्व में किए गए कार्यों को फिर से करना पड़ा है। योजना के तहत मन के तीन हिस्से का विकास करना है, लेकिन अब तक एक का भी काम पूरा नहीं हो पाया है।

    समय पर काम को पूरा नहीं करने पर कई बार एजेंसी पर जुर्माना लगाया जा चुका है बावजूद काम की गति को तेज नहीं किया जा रहा है। बताते चलें कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत सिकंदरपुर लेक फ्रंट सौंदर्यीकरण योजना का काम चल रहा है। इसके तहत 55 एकड़ में फैले सिकंदरपुर स्थित तीन झीलों को पिकनिक स्थल के रूप में विकसित करना है।

    स्मार्ट सिटी कंपनी ने 139.11 करोड़ की लागत से होने वाले इस कार्य को पूरा करने का जिम्मा योगी, सौम्या व केवड़िया कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया है। योजना का आरंभिक बजट 177.14 करोड़ रुपए का था। बाद में इसमें करीब 38.03 करोड़ रुपए की कटौती की गई। अभी इसका संशोधित बजट 139.11 करोड़ रुपए का है।

    एजेंसी को 21 अक्टूबर 2021 को काम करने के लिए कार्यादेश दिया गया था। इकरारनामा के अनुसार 18 महीने यानि 20 अप्रैल 2023 तक काम को पूरा कर लेना था लेकिन एजेंसी तय समय में काम पूरा नहीं कर सकी। एजेंसी क आग्रह पर उसे पहली बार 27 मार्च 24 तक का समय विस्तार दिया गया।

    इस समय सीमा में भी एजेंसी काम नहीं कर पाई तो दूसरी बार 31 मार्च 2025, तीसरे बार 30 जून 2025 एवं एवं चौथी बार 15 सितंबर 2025 तक का समय विस्तार दिया गया है, लेकिन अभी भी योजना को 25 प्रतिशत काम बाकी है।

    मनोरंजन के साथ मिलेगा स्वास्थ्य लाभ

    पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किए जा रहे सिकंदरपुर लेक फ्रंट व्यू में न सिर्फ जिले के लोग बल्कि उत्तर बिहार के लोक पहुंचकर मनोरंजन के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ ले सकते है। योजना के तहत मन के चारों तरफ टहलने के लिए पाथ वे एवं साइकिल ट्रैक का निर्माण होना है।

    वहां फिटनेस पार्क, योगासन पार्क एवं चिल्ड्रेन पार्क विकासित किया जाएगा। मनोरंजन के लिए म्यूजिकल फाउंटेन, स्टेप गार्डेन, वोटिंग, स्कुर्लर प्लाजा, फूड क्योस्कर, आइकोनिक स्ट्रक्चर का निर्माण होना है। मन के चारों तरफ लाइटिंग की व्यवस्था रहेगी।

    नहीं बना धोबी घाट, अब भी हो रही मन में कपड़े की धुलाई

    योजना के तहत मन के पास आधुनिक धोबी घाट का निर्माण करना है लेकिन यह काम भी अबतक नहीं जिससे के कारण मन अभी भी धोबीघाट बना हुआ है। इतना नहीं करबला रोड में योजना का काम पूरा हो चुका है जिससे देखने हर दिन सैकड़ों लोग आ रहे है लेकिन वहां कपड़ा सुखाया जा रहा है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।

    असामाजिक तत्वों से परेशान है कार्य करने वाली एजेंसी

    योजना पर काम कर रही एजेंसी असामाजिक तत्वों से परेशान है। एजेंसी द्वार बीते माह झील में फाउंटेन लगाया था लेकिन लगने के दूसरे दिन ही उसमें लगे बिजली के तार की चोरी कर ली गई। वहां लगाए गए साइन बोर्ड को तोड़ दिया गया। वहां लगाए गए सजावटी पौधों को जनवर चर गए। इससे काम में बाधा आ रही है।

    मानवबल बढ़ाकर बचे काम को तेजी से पूरा करने के लिए लगातार एजेंसी पर दबाव डाला जा रहा है। दो बार जुर्माना भी लगाया गया है। योजना के पूरा होने पर संचालन एवं रखरखाव के लिए एजेंसी के बहाली को निविदा निकाली गई है। - विक्रम विरकर, नगर आयुक्त

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