Traffic System में होने जा रहा बदलाव, बड़े और छोटे वाहनों के आवागमन के लिए होगी अलग-अलग व्यवस्था
मुजफ्फरपुर के भगवानपुर पुल के पास बीबीगंज-भामाशाह द्वार रोड पर बड़े वाहनों पर प्रतिबंध लगेगा क्योंकि सड़क जर्जर है। उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह मुद्दा उठाया गया जिसके बाद भारी वाहनों के प्रवेश को रोकने के लिए बैरियर लगाने के निर्देश दिए गए। बुडको द्वारा नाला निर्माण के दौरान सड़क को क्षतिग्रस्त करने और मरम्मत न करने के कारण सड़क की स्थिति खराब हो गई है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। निर्धारित रूट से अलग वाहनों के परिचालन की वजह से सड़कें जर्जर हो जा रही हैं। इसकी वजह से हादसे की आशंका बन रहती है। इसको देखते हुए यातायात व्यवस्था में बदलाव की तैयारी की गई है। जिसमें बड़े व छोटो वाहनों के लिए अलग-अलग नियम होंगे।
भगवानपुर पुल के समीप बीबीगंज-भामाशाह द्वार रोड में बड़े वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है और हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण जलजमाव की समस्या बनी रहती है।
इससे गड्ढे का अंदाजा नहीं लग पाता है और इसमें भारी वाहन कभी फंस जाते हैं तो कभी पलट जाते हैं। आम लोगों को भी आवागमन में इससे काफी परेशानी हो रही है। दरअसल पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में बैठक में एमएलसी दिनेश सिंह की ओर से ये मुद्दा उठाया गया था।
इसके आलोक में उपमुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। साथ ही भारी वाहनों के परिचालन पर अविलंब रोक लगाने की बात कही। इसके लिए वहां पर बैरियर लगाने का निर्देश दिया गया। ताकि भारी वाहन इस मार्ग में प्रवेश नहीं कर सके।
कार्यपालक अभियंता द्वारा बैठक में बताया कि बुडको के द्वारा नाला निर्माण के क्रम में सड़क को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। फिर इसकी मरम्मत भी नहीं कराई गई। इस कारण से पूरी सड़क जर्जर हो गई।
बुडको को इस संबंध में कई बार पत्राचार भी किया गया, लेकिन संबंधित अधिकारियों के द्वारा इसपर संज्ञान नहीं लिया गया। नाला निर्माण के दौरान भी सड़क क्षतिग्रस्त करने से पहले पथ निर्माण विभाग से समन्वय नहीं बनाया गया था। इसके बाद बेतरतीब तरीके से निर्माण कार्य किया गया। इससे बनी बनाई सड़क क्षतिग्रस्त हो गई।
अब इस इलाके के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। वे अक्सर आते-जाते हादसे का शिकार हो जा रहे हैं। लगातार शिकायत के बाद इस तरह के बदलाव की पहल शासन के स्तर से की जा रही है।
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