Muzaffarpur News: लहठी कारोबार को मिला नया आयाम, खिलौना क्लस्टर की होगी स्थापना
मुजफ्फरपुर जिले में लहठी कारोबार को बढ़ावा देने के लिए खिलौना क्लस्टर की स्थापना की जाएगी। उद्योग विभाग जल्द ही सर्वे करेगा ताकि बाजार और रोजगार की संभावनाओं का आकलन किया जा सके। इस पहल से लहठी कारोबारियों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और उन्हें दूसरे प्रदेशों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। क्लस्टर की स्थापना से एमएसएमई के तहत ऋण की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जिले में अब लहठी कारोबार को नया आयाम मिलेगा। यहां पर खिलौना क्लस्टर की स्थापना की जाएगी। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसे लेकर शीघ्र उद्योग विभाग की ओर से सर्वे किया जाएगा। इस दौरान देखा जाएगा कि खिलौना क्लस्टर के बाजार की यहां पर कितनी संभावनाएं हैं।
लाह से खिलौना बनाने को लेकर क्लस्टर की स्थापना कहां तक सफल साबित होगा और राेजगार की कितनी संभावनाएं उत्पन्न होंगी। सर्वे के दौरान इन बिंदुओं पर भी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को सौंपी जाएगी।
उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ने उद्योग निदेशक को खिलौना क्लस्टर की संभावना तलाशने को कहा है। विदित हो कि बेला औद्योगिक क्षेत्र में बैग क्लस्टर और लेदर क्लस्टर पूर्व से प्रमुख रूप से संचालित है। अब इसी कड़ी में खिलौना क्लस्टर की शुरुआत की जाने वाली है। इसकी स्थापना होने से लहठी कारोबारियों के लिए रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
बताया गया कि लाह के खिलौने मुख्य रूप से कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बनाए जाते हैं, जो कि भारतीय लाह शिल्प के सबसे प्रमुख केंद्र हैं।
यह प्रक्रिया इन राज्यों में वर्षों से चली आ रही एक प्राचीन कला है, जिसमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग होता है, ताकि खिलौने बच्चों के लिए सुरक्षित और आकर्षक बने रहें। इन राज्यों में लाह के खिलौने बहुत प्रचलित हैं और इसका बाजार भी बेहतर है। इसे देखते हुए जिले में भी खिलौना क्लस्टर की स्थापना की कवायद की जा रही है।
लहठी कारोबारियों को नहीं जाना होगा बाहर:
लाह से खिलौना बनाने के क्लस्टर की स्थापना होती है तो लहठी कारोबारियों के दिन बहुरेंगे। इन्हें दूसरे प्रदेशों में जाकर मजदूरी करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। खासकर जो छोटे-छोटे कारोबारी हैं, उनके लिए यह बहुत लाभदायक साबित होगा।
विदित हो कि लहठी वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट में भी शामिल है। मुजफ्फरपुर की लहठी की देशभर में पहचान है, लेकिन कारोबार में उतार-चढ़ाव लगातार होने के कारण व्यवसायी वर्ग निराश हो जाते हैं। क्लस्टर की स्थापना होने से इनके लिए रोजगार की कमी नहीं होगी।
खिलौना का भी एक बड़ा बाजार है और इसकी संभावनाएं अपार है। क्लस्टर खुलने के बाद एमएसएमई के तहत ऋण की सुविधा भी आसानी से उपलब्ध होगी। क्योंकि इसकी पूरी देखरेख उद्योग विभाग की निगरानी में होगा। रोजगार करने और इसे बढ़ाने के लिए उद्योग विभाग की ओर से पूरा सहयोग भी किया जाएगा।
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