Nepal Gen-Z Protest: होटल में सो रहा था मुजफ्फरपुर का रोशन, जगा तो जल रहा था होटल
नेपाल में जेनजी आंदोलन के चलते मुजफ्फरपुर का रोशन पोखरा में फंसा है। आंदोलनकारियों ने उसके होटल में आग लगा दी और गाड़ी तोड़ दी जिससे वह ढाबे में शरण लेने को मजबूर है। वहीं मोतीपुर का काठ कारीगर शशिभूषण कुशवाहा भी ललितपुर में फंसा है जिससे परिवार का संपर्क टूट गया है। इंटरनेट बंद होने के कारण परिजन चिंतित हैं और उसकी सुरक्षा को लेकर परेशान हैं।

अमरेंद्र तिवारी, वीरगंज (नेपाल)। नेपाल में जारी जेनजी आंदोलन (Nepal Gen-Z Protest) के बीच मुजफ्फरपुर के मीनापुर प्रखंड के खारिक गांव निवासी रोशन कुमार अपने दोस्त के साथ नेपाल के पोखरा में फंस गया है। तीन दिन पहले वह अपने दोस्त के साथ काठमांडू और पोखरा घूमने के लिए गया था।
मंशा जीवन का आनंद लेने की थी, लेकिन दो दोस्तों के सपने नेपाल में जारी आंदोलन के बीच काफूर हो गए। रोशन के दोस्त रोहित ने बताया कि बुधवार को उसकी बात दोस्त से हुई थी। रोशन ने फोन पर बताया कि जिस होटल में वह ठहरा हुआ था, अचानक आंदोलनकारियों ने उसमें आग लगा दी।
इसके अलावा उसकी चारपहिया गाड़ी को भी तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया। कार पर भी आग का प्रभाव दिखा। किसी तरह उसने पास के एक स्थानीय ढाबा में शरण ली है।
हालात सामान्य होने का इंतजार कर रहा। जैसे ही स्थिति ठीक होगी, वह घर लौट जाएगा। उसने बताया कि कल से नेपाल में धीरे-धीरे हालात सामान्य होने की सूचना मिल रही है।
काठमांडू में फंसा मोतीपुर का काठ कारीगर
दूसरी ओर, नेपाल में जारी हिंसा के बीच मोतीपुर प्रखंड के बिरहिमा गांव का एक काठ कारीगर बीते चार दिनों से फंसा हुआ है। इंटरनेट सेवा बंद कराए जाने के बाद परिवार में उसकी बात नहीं हो पाई है। इससे उसके स्वजन काफी चिंतित हैं।
बताया जाता है कि बिरहिमा गांव निवासी दयाशंकर प्रसाद का पुत्र शशिभूषण कुशवाहा नेपाल के ललितपुर जिले के कूपन टोला में रहकर काठ का मकान बनाने समेत अन्य कार्य करता है।
इस बीच जब से नेपाल में हिंसा का दौर शुरू हुआ है, तब से शशिभूषण की अपने माता-पिता और भाई बहन से बात नहीं हो सकी है। उसके पिता ने बताया कि चार दिनों पूर्व आडियो काल आई थी।
इसमें शशिभूषण ने हिंसा का जिक्र करते हुए बताया था कि घर से बाहर निकल पाना मुश्किल है। आप सभी चिंता नहीं करना। वह सुरक्षित रहने की कोशिश में है। इसके बाद से अब तक कोई बात नहीं हो पा रही है।
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