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    Muzaffarpur News: अस्पताल में जन्म हुआ बेटा घर पहुंचते ही बन गई लड़की, SKMCH नर्सिंग स्टाफ पर बच्चा बदलने का आरोप

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 12:33 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में नवजात शिशु को बदलने का मामला सामने आया है। एक महिला को लड़के की जगह लड़की सौंप दी गई जिससे अस्पताल में हंगामा हो गया। अस्पताल प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और पुलिस भी मामले की छानबीन कर रही है। पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।

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    अस्पताल में जन्म हुआ बेटा घर पहुंचते ही बन गई लड़की(फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। एसकेएमसीएच के मातृ-शिशु अस्पताल (एमसीएच) में मंगलवार को जन्मे नवजात को बदल दिया गया। जिस महिला ने लड़के को जन्म दिया था उसे लड़की दे दिया गया।

    घर जाने पर स्वजन को इसका पता चला। इसके बाद अस्पताल आकर हंगामा किया। इससे पूरे परिसर में अफरातफरी मच गई। सुरक्षाकर्मियों व एसकेएमसीएच पुलिस कैंप की टीम ने आक्रोशित स्वजन को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया।

    पुलिस कैंप प्रभारी राजकुमार गौतम ने इस मामले में नर्सिंग इंचार्ज सुधा कुमारी से पूछताछ की। उसने बताया कि नाइट ड्यूटी में तैनात नर्सिंग स्टाफ बेबी कुमारी, रंजू कुमारी, राजवंती कुमारी व चंद्रमणी कुमार से भी पूछताछ की जाएगी। दाई निर्मला को भी बुलाया गया है।

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    प्रभारी ने कहा, नवजात के स्वजन की जानकारी एकत्र की जा रही है। जल्द ही नवजात सही परिवार को सौंप दिया जाएगा। बताया जा रहा कि सोमवार की रात एमसीएच में 13 गर्भवतियों ने नवजात को जन्म दिया।

    मंगलवार को सुबह 6:50 बजे अहियापुर थाने के विजयी छपरा गांव निवासी अजीत कुमार की पत्नी चंचला ने नार्मल डिलीवरी से लड़के (बेबी ब्वाय) को जन्म दिया। उसी दौरान कुछ ही मिनट के अंतराल पर तीन अन्य गर्भवतियों ने बच्ची (बेबी गर्ल) को जन्म दिया।

    नर्सिंग स्टाफ ने रजिस्टर में जन्म का विवरण दर्ज करने के बाद नवजात को उनके स्वजन को सौंप दिया। अजीत की पत्नी नवजात को लेकर घर पहुंचीं तो परिवार के लोगों ने देखा कि उसकी गोद में लड़की नहीं लड़की है। यह देखकर सभी स्तब्ध रह गए। इसके तुरंत बाद अस्पताल पहुंचे।

    यहां नर्सिंग स्टाफ से पूछताछ की और बेड हेड टिकट की मांग की। पहले तो नर्सिंग स्टाफ ने नवजात बदलने की बात से इन्कार किया, मगर शुरुआती जांच में स्पष्ट हुआ कि अजीत की पत्नी ने वास्तव में लड़के को जन्म दिया था। इसके बाद परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

    अस्पताल सूत्रों के अनुसार, चंचला से पहले पूर्वी चंपारण जिले के राजेपुर थाना क्षेत्र के झिटकहिया गांव निवासी जमल्लुद्दीन की पत्नी सोबी खातून ने बच्ची को जन्म दिया था।

    वहीं, उसके बाद हथौड़ी थाने के एकमा गांव निवासी शुभम कुमार की पत्नी मोनिली कुमारी ने भी बच्ची को जन्म दिया था।

    पुलिस कर रही जांच

    नगर एसडीपीओ टू विनीता सिन्हा ने बताया कि एमसीएच पहुंचकर मामले की जांच की गई है। ओपी प्रभारी को निर्देश दिया गया है कि नाइट शिफ्ट में जन्मे सभी नवजात व उनके स्वजन की गहन जांच की जाए। जल्द ही सही नवजात को स्वजन को सौंप दिया जाएगा। परिवार की शिकायत दर्ज कर ली गई है। उसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है।

    बच्चा बदले जाने के कई मामले आ चुके हैं सामने

    शहर के अस्पतालों में बच्चा बदले जाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसमें निजी अस्पताल भी शामिल हैं। माना जाता है कि यहां काम करने वाली महिला कर्मचारियों की मिलीभगत से ऐसा होता है।

    पहले से वह अस्पताल में भर्ती महिला और उसके स्वजन से मिलकर आश्वस्त कर देती हैं कि बेटी होने पर किसी का बेटा उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसके लिए अच्छी खासी रकम ली जाती है।