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    मुजफ्फरपुर में छठ महापर्व को लेकर प्रशासन का खास प्लान, बच्चों व बुजुर्ग के लिए गाइडलाइन

    By Jagran NewsEdited By: Dharmendra Kumar Singh
    Updated: Sat, 15 Oct 2022 03:57 PM (IST)

    Muzaffarpur News छह महापर्व के दौरान निजी नावों के परिचालन पर रहेगी रोक। बुखार से ग्रस्त 60 साल से उपर के व्यक्ति व 10 साल से कम उम्र के बच्चे एवं गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति छठ घाट पर नहीं जाएंगे। तालाबों पर की जाएगी बैरिकेटिंग।

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    मुजफ्फरपुर छठ पूजा को लेकर तैयारी शुरू। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    मुजफ्फरपुर, जासं। छठ महापर्व की तैयारी के साथ- साथ सुरक्षा व्यवस्था के मददेनजर प्रशासन की ओर से विशेष रणनीति तैयार की गई है। इसके तहत जिला प्रशासन की ओर से आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया कि घाटों, तालाबों व सरोवरों में अर्घ्य दिया जाएगा। स्थलों पर श्रद्धालुओ, छठव्रतियों व परिवार के लोगों की काफी भीड़ होती है। इसमें किसी तरह की लापरवाही से भी अप्रिय घटना डूबने, सड़क-दुर्घटना, अगलगी, भगदड़, विद्युत स्पर्शाघात, सर्पदंश आदि की संभावनाएं रहती है। इसके लिए आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षात्मक दृष्टि से समुचित कार्रवाई करने के लिये बिंदुवार आदेश दिए गए है। इसके तहत कहा गया कि छठ पर नदियों, तालाबों के किनारे भीड़ होती है। लोग स्नान करते हैं। इसलिए भीड़ को नियंत्रित करने एवं श्रद्धालुओं को स्नान के समय गहरे पानी में जाने से रोकने के लिए घाटों पर प्रवेश एवं निकास की अलग-अलग व्यवस्था कर बैरिकेटिंग की जाएगी। साथ ही माइकिंग कर गहरे पानी में जाने से रोकने एवं व्यवस्था होगी। इसके लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तथा अन्य स्वयं सेवकों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।-- घाटों, तालाबों पर चिकित्सा व्यवस्था एवं मोबाइल मेडिकल टीम की होगी प्रतिनियुक्ति 

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    पर्व के दौरान छठव्रती दो दिन का निर्जला व्रत रखकर अस्तगामी एवं उदयमान सूर्य को अर्घ्य देती है। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से बचने को घाटों पर आवश्यक दवाओं व अन्य चिकित्सा सामग्रियों के साथ मोबाइल मेडिकल टीम की तैनाती की जाएगी।

    एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, गोताखोरों, नाविकों, मोटरबोट चालकों की प्रतिनियुक्ति 

    घाटों व तालाबों पर प्रशिक्षित होमगार्ड, प्रशिक्षित गोताखोर, स्थानीय गोताखोरों व नाविकों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।

    घाटों व तालाबों पर प्रकाश व्यवस्था 

    तालाबों व घाटों पर अत्यधिक भीड़ होने की संभावना है। ऐसे छठ घाटों के किनारे एवं रास्तों में पर्याप्त रौशनी की सुरक्षित तरीके से व्यवस्था की जाएगी।

    घाटों पर नियंत्रण कक्ष, कंट्रोल रूम की होगी स्थापना 

    संबंधित पदाधिकारी पूजा समितियों से समन्वय स्थापित करते हुए घाटों, तालाबों के किनारे पर मिनी नियंत्रण कक्ष की स्थापना करेंगे। जिला नियंत्रण का दूरभाष 0621-2212375 2212376 एवं 2212377 जारी किया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं एवं एंबुलेंस हेतु 102, 108, 1099 (0621-2266050 से 58) अग्निशमन सहायता हेतु 101, 0621-2247222, 7485805840, 9112130035 मोतीपुर में 06223-233113, 9955640679, 9334451656) एवं आपात सहायता हेतु 0621-2212007 से समन्वय स्थापित करेंगे।

    नदी घाटों, तालाबों पर पटाखों की बिक्री एवं आतिशबाजी पर रहेगी रोक 

    एनजीटी, बिहार प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के आलोक में मुजफ्फरपुर जिला में पटाखों की बिक्री एवं आतिशबाजी प्रतिबंध है। निगरानी करते हुए इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।

    निजी नावों के परिचालन पर रोक 

    छठ पर्व के अवसर पर नहाय खाय से लेकर सुबह के देने तक डूबने की घटना के रोकथाम के निमित्त निजी नावों के परिचालन को पूर्णतया निषेध किया जाए। इसकी निगरानी हेतु सुरक्षा बल एवं चौकीदार की तैनाती की जाए।

    घाटों का निरीक्षण 

    अपने क्षेत्रान्तर्गत सभी घाटों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित हो ले कि आपदा के दृष्टिकोण से यह घाट पूर्णत: सुरक्षित है। बैरिकेटिंग, पार्किंग व्यवस्था, नियंत्रण कक्ष, गोताखोर की प्रतिनियुक्ति एवं नाव तथा नाविक की व्यवस्था के साथ कपड़ा बदलने का रूम की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

    खतरनाक घाटों का चिन्हीकरण 

    निरीक्षण के क्रम में जो भी घाट आपदा के दृष्टिकोण से खतरनाक हो उसे प्रतिबंधित किया जाए। वहां खतरनाक घाट आगे खतरा है का फ्लैक्स लगाया जाए। वहां जाने से रोकने हेतु चौकीदार, स्थानीय गोताखोर की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।

    • लाउड स्पीकर, माइकिंग एवं मीडिया के माध्यम से छठ महापर्व के अवसर पर कोविड-19 एवं डूबने से बचाव हेतु ग्राम पंचायतों एवं नगर निकायों द्वारा की जाने वाली उद्घोषणा, अपील ग्राम पंचायतों एवं नगर निकायों द्वारा छठ महापर्व के दृष्टिगत निम्न घोषणाए की जानी हैं।
    •  छठ महापर्व के दौरान बुखार से ग्रस्त व्यक्ति (60) साठ साल से उपर के व्यक्ति दस साल से कम उम्र के बच्चे एवं अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को सलाह दी जाती है कि वे छठ घाट पर न जाएं।
    • तालाब में अर्घ्य देने के दौरान डूबकी नहीं लें। छठ महापर्व हेतु अर्घ्य देने की व्यवस्था यथासंभव अपने घर पर ही किया जाना चाहिए। छठ घाट के आस-पास खाद्य पदार्थ, खाने-पीने का स्टाल लगाना प्रतिबंधित है।