'गणित बहुत कठिन है' इस भ्रम को दूर करने के लिए आरडीएस में 8 से दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला
मुजफ्फरपुर के आरडीएस कॉलेज में 8 और 9 दिसंबर को वैदिक गणित पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यशाला का उद्देश्य गणित को छात्रों के बीच सरल बनाना है। कार्यशाला में विभिन्न राज्यों से विशेषज्ञ भाग लेंगे, जो वैदिक गणित की तकनीकों पर व्याख्यान देंगे और गणित के प्रति छात्रों का डर दूर करेंगे।

इस कार्यशाला में मध्य प्रदेश, नालंदा सहित कई राज्यों से आएंगे विशेषज्ञ। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। आरडीएस कालेज में वैदिक गणित पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन आठ और नौ दिसंबर को होगा। राष्ट्रीय कार्यशाला के आयोजन को लेकर आर्गेनाइजेशन कमेटी के सदस्यों की बैठक प्राचार्य कक्ष में हुई।
आइक्यूएसी एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, उत्तर बिहार के संयुक्त तत्वावधान में इसका आयोजन होगा। आर्गेनाइजिंग कमेटी के सदस्यों को संबोधित करते हुए प्राचार्य डा. शशि भूषण कुमार ने कहा कि वैदिक गणित कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य गणित विषय को छात्रों के बीच रोचक, सरल और प्रासंगिक बनाना है।
आज भी बहुत से विद्यार्थी गणित को कठिन और भयावह विषय मानते हैं। वैदिक गणित की तकनीकें न केवल इस भय को दूर करती है बल्कि तेज, सटीक और तार्किक समाधान प्रस्तुत करती हैं।
इस कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों से प्रख्यात शिक्षाविद्, शोधकर्ता और छात्र भाग लेंगे। उन्होंने आयोजन समिति के सदस्यों को इस कार्यशाला के बेहतर तैयारी को लेकर कई दिशा निर्देश भी दिये।
कार्यशाला के संयोजक गणित विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. भगवान कुमार ने कहा कि कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में नालंदा खुला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व गणितज्ञ प्रो. केसी सिन्हा और जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति प्रो. पीके बाजपेई शिरकत करेंगे।
मुख्य वक्ताओं में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली से वैदिक गणित के राष्ट्रीय समन्वयक डा. राम चौथीवाले, राष्ट्रीय सह- समन्वयक डा. राकेश भाटिया, डा. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर- मध्य प्रदेश के वैदिक स्टडीज विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. शिवानी खरे एवं डा आयुष गुप्ता अपना महत्वपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे।
आर्गेनाइजिंग कमेटी के सदस्यों में सह-समन्वयक डॉ. आलोक त्रिपाठी, डॉ. भगवान कुमार, डॉ. रजनीकांत पांडे, डॉ. नीरज कुमार मिश्रा, डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. ललित किशोर एवं डॉ. चंद्र किशोर झा उपस्थित थे।

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