Muzaffarpur News: औराई में अचानक बढ़ा बागमती नदी का पानी, चचरी पुल पर बढ़ा संकट
औराई में बागमती नदी का जलस्तर बढ़ने से चचरी पुलों को खतरा हो गया है। जलकुंभी के कारण पुलों की मरम्मत की जा रही है। मधुबन प्रताप घाट पर बिजली का तार पानी में सटने से आपूर्ति बाधित हुई जिसे ठीक किया गया। चचरी पुल दक्षिणी क्षेत्र के लोगों के लिए प्रखंड मुख्यालय और उत्तरी क्षेत्र के लोगों के लिए जिला मुख्यालय पहुंचने का महत्वपूर्ण मार्ग है।

संवाद सहयोगी, औराई। बागमती नदी के जलस्तर में शनिवार को सुबह से शाम तक लगभग तीन फीट की वृद्धि रिकॉर्ड की गई है। नदी का जल प्रवाह तेज हो गया है। इस दौरान नदी में बहकर आ रही जलकुंभी और अन्य सामग्री से चचरी पुलों को खतरा उत्पन्न हो गया है।
मधुबन के प्रताप घाट स्थित चचरी पुल के संचालक मनोज सहनी और अतरार घाट के छोटन सहनी दिनभर मरम्मत कार्य में जुटे रहे।
इस दौरान जलकुंभी और अन्य अवरोधों को नदी से निकालकर चचरी पुलों को सुरक्षित करने का प्रयास किया गया। नदी के तेज प्रवाह और जलकुंभी के चचरी के नीचे फंसे होने के कारण बांस और बल्ले की मदद से इन्हें बाहर निकाला गया।
मधुबन प्रताप घाट के पास नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण बिजली का तार पानी में सट गया। इससे विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है। विद्युत आपूर्ति को सामान्य करने के लिए विभागीय टीम ने ग्रामीणों के सहयोग से तार को ऊंचा किया। इसके बाद विद्युत आपूर्ति बहाल हो पाई है।
बता दें कि चचरी पुल क्षेत्र के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है। औराई दक्षिणी क्षेत्र के लोगों के लिए यह पुल प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचने का एकमात्र साधन है। इसके अलावा, प्रखंड के उत्तरी क्षेत्र के लोगों के लिए यह पुल जिला मुख्यालय तक पहुंचने में दूरी को लगभग 20 किलोमीटर कम कर देता है।
बागमती नदी के जलस्तर में शनिवार की सुबह से देर शाम तक लगभग 3 फीट की वृद्धि हो गई है। जिस कारण पानी का बहाव तेज हो गया है। वहीं, जलकुंभी समेत कई चीज के आने से चचरी पुल पर खतरा बन गया है।
मधुबन प्रताप घाट स्थित पुल के संचालक मनोज सहनी द्वारा व अतरार घाट के चचरी पुल संचालक छोटन सहनी द्वारा दिनभर चचरी की मरम्मत की गई। वहीं, जलकुंभी को चचरी के नीचे बांस बल्ला से निकाल कर बाहर निकाला गया।
इस बीच मधुवन प्रताप घाट के समीप बिजली का तार पानी में सटने के कारण विद्युत आपूर्ति प्रशाखा मटिहानी के मानव बल व ग्रामीणों के सहयोग से तार को सही किया गया।
विदित हो की औराई दक्षिणी क्षेत्र के लोगों को प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए अभी एकमात्र चचरीपुल का ही सहारा है। वहीं प्रखंड के उत्तरी क्षेत्र के लोगों को जिला मुख्यालय जाने में चचरीपुल होकर 20 किलोमीटर कम दूरी तय करना पड़ता है।
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