नवादा के सकरी नदी में मिली भगवान विष्णु की प्रतिमा, देखने के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
नवादा जिले की सकरी नदी में भगवान विष्णु की एक प्राचीन प्रतिमा मिली है। प्रतिमा मिलने की खबर फैलते ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोग प्रतिमा की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि यह प्रतिमा काफी प्राचीन है, पर अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह किस काल की है।
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सकरी नदी में मिला विष्णु जी की प्रतिमा। फोटो जागरण
संवाद सूत्र, गोविंदपुर (नवादा)। प्रखंड मुख्यालय गोविंदपुर के सकरी नदी में रविवार की दोपहर को बालू खनन में विष्णु भगवान की प्रतिमा मिली। प्रतिमा निकलने से सैकड़ो महिला पुरुष की भीड़ लग गई।
यहां तक कि लोगो ने सकरी नदी के किनारे पर के मंदिर में मूर्ति का पूजा अर्चना करने लगे। इधर, गोविंदपुर पुलिस को सूचना मिलने के बाद प्रभारी थानाध्यक्ष राकेश कुमार दल बल के साथ पहुंच कर प्रतिमा की जांच की और बताया गया कि इसकी जांच पुरातत्व विभाग से कराई जाएगी।
यह बात बोल कर स्थानीय मुखिया की जिम्मेदारी देकरवह चले गए। इधर, मंदिर के पास दर्ज़नों महिला पुरुष जमा होकर प्रतिमा को यहीं स्थपित करने की बात कहने लगे।
बताते चलें कि गोविंदपुर डीह गांव के सकरी नदी के किनारे पंचवैहनी देवी स्थान देवी मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है। इसी के सामने ठीकेदार द्वारा जेसीबी मसीन से खनन किया जा रहा था।
इसी खनन के दौरान गड्ढेसे यह विष्णु जी की प्रतिमा निकली। पुलिस द्वारा प्रतिमा की जांच हेतु ले जाने के लिये विरोध प्रकट कर यह प्रतिमा इसी मंदिर में स्थापित करने की बात पर लोग अड़े दिखे।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के वरिष्ठ मूर्ति विशेषज्ञ डा. जलज कुमार तिवारी ने इस मूर्ति को नागराज कहा है। बुद्ध स्मृति पार्क संग्रहालय, पटना के प्रभारी डा. शिव कुमार मिश्र के अनुसार यह मूर्ति पाल कालीन है।
नियमानुसार इसे सरकारी संग्रहालय में रखा जाना चाहिए। डा. मिश्र के अनुसार नारद: संग्रहालय में पहले से भी नागराज की एक मूर्ति है। नालंदा एवं नवादा जिले में पूर्व में भी नागराज की मूर्तियां मिली हैं।
नालंदा के पुरातात्विक संग्रहालय एवं पटना संग्रहालय में भी ऐसी मूर्तियां रखी हुई हैं। इन्डियन ट्रेजर ट्रोव एक्ट 1878 के आलोक में जिला कलेक्टर का यह दायित्व है कि पुरातात्विक साक्ष्य को सरकारी संग्रहालय में जमा करावें। बिहार पुलिस मैनुअल 1978 के अनुसार पुलिस का यह दायित्व है कि इसे संग्रहालय में जमा करावें।

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