Census 2027: बिहार में जनगणना की तैयारी शुरू, देनी होगी घर-रोजगार सहित ये सभी जानकारी
रजौली प्रखंड में जनगणना की तैयारी के लिए प्रगणकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हो गया है। इस बार जनगणना डिजिटल प्रारूप में होगी, जिसके लिए मोबाइल एप का इस्तेमाल किया जाएगा। परिवारों से विस्तृत जानकारी ली जाएगी, जिसमें परिवार के सदस्यों की संख्या, आर्थिक स्थिति, आवासीय सुविधाएं और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी शामिल है। अधिकारियों ने लोगों से सही जानकारी देने की अपील की है।

बिहार में जनगणना शुरू। फाइल फोटो
संवाद सूत्र, रजौली। रजौली प्रखंड स्थित भारत की जनगणना को लेकर पूर्व की तैयारियों के तहत रजौली में प्रगणकों और पर्यवेक्षकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है।
मंगलवार को दूसरे दिन के प्रशिक्षण में यह बताया गया कि इस बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल प्रारूप में की जाएगी। जिसके लिए प्रगणकों को मोबाइल एप के माध्यम से डेटा भरने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जनगणना निदेशक, उपनिदेशक और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने प्रशिक्षण स्थल का निरीक्षण कर प्रगणकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
173 प्रगणक और 26 पर्यवेक्षक ले रहे हैं प्रशिक्षण
रजौली प्रखंड के मध्य विद्यालय में आयोजित इस प्रशिक्षण में 173 प्रगणक और 26 पर्यवेक्षक शामिल हो रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि फील्ड में जाने के बाद प्रत्येक प्रगणक को अपने-अपने बीट में एप के माध्यम से घर-परिवार का विवरण वास्तविक समय (रियल टाइम) में अपलोड करना होगा। प्रशिक्षण 18 से 20 नवंबर तक चलेगा।
नए डिजिटल फार्म में इस बार परिवारों से अत्यधिक विस्तृत और सटीक जानकारी ली जा रही है। फार्म की शुरुआत परिवार प्रमुख के नाम, उम्र, शिक्षा और पहचान विवरण से होती है। इसके बाद परिवार के कुल सदस्यों की संख्या, उनका उम्र, लिंग, वैवाहिक स्थिति और शिक्षा स्तर को अलग-अलग कालम में जानकारी दर्ज की जाएगी।
गणना फार्म का बड़ा हिस्सा परिवार की आर्थिक स्थिति को समर्पित रहेगी। इसमें कुल आमदनी, आय के स्रोत, परिवार में नौकरी करने वाले सदस्यों की संख्या, खेती या मजदूरी पर निर्भर लोग, तथा स्वरोजगार से जुड़े लोगों का भी ब्योरा शामिल है।
किसानों के लिए कृषि भूमि, फसल, पशुपालन और सालभर की कृषि गतिविधियों की जानकारी भी अनिवार्य की गई है। प्रपत्र में आवासीय सुविधाओं पर भी विशेष जोर दिया गया है।
घर का प्रकार (कच्चा/पक्का), स्वामित्व, बिजली, शौचालय, पेयजल का स्रोत और खाना पकाने में प्रयुक्त ईंधन जैसे बिंदू स्पष्ट रूप से दर्ज किए जाएंगे। राशन कार्ड, बैंक खाता, बीमा, पेंशन, स्वास्थ्य बीमा और सरकारी योजनाओं से जुड़ी सुविधाओं का पूरा विवरण भी अनिवार्य है।
स्वास्थ्य संबंधी कालम में परिवार में किसी सदस्य को गंभीर बीमारी है या नहीं, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और चिकित्सा सहायता की उपलब्धता भी दर्ज की जाएगी। अधिकारियों ने प्रगणकों को निर्देश दिया कि डेटा संग्रह के दौरान किसी भी परिवार को असुविधा न हो और गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा जाए।
उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि वे सर्वे टीमों को सही और पूर्ण जानकारी दें, ताकि क्षेत्र में विकास योजनाओं के लिए वास्तविक और उपयोगी डेटा तैयार किया जा सके।

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