Nawada News: अंधविश्वास की बेड़ियों में जकड़ा है हिसुआ का पांचूगढ़ मुसहरी, डायन के शक में कर दी युवती की हत्या
नवादा के हिसुआ में अंधविश्वास के चलते एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। पांचूगढ़ मुसहरी टोले में एक उत्सव के दौरान डीजे खराब होने पर दंपती को डायन बताकर पीटा गया जिससे पति की मौत हो गई। सुविधाओं के बावजूद इलाके में अंधविश्वास व्याप्त है और इस घटना ने सामाजिक कुरीतियों को उजागर किया है।

संवाद सहयोगी, नवादा। हिसुआ नगर क्षेत्र के वार्ड नंबर पांच में अनुसूचित जाति के लोगों के घर टीवी, मोबाइल, बिजली और नल का जल पहुंच गया, लेकिन अंधविश्वास का अंधेरा नहीं छंट सका। जादू-टोना और स्त्री को डायन से संबोधन, सिर का बाल काटकर अपमानित करने की कुप्रथा ने मंगलवार की रात एक व्यक्ति की जान ले ली और उसकी पत्नी को मार डालने का प्रयास की घटना हुई।
झोपड़ी में रहकर मजदूरी से जीवन यावन करने वाला यह दंपती अपने पड़ोसी मोहन मांझाी के घर बच्चे की छठीयारी के उत्सव में डीजे खराब होने के लिए डायन और जादू-टोना के अंधविश्वास में पीस गया। उत्सव का शोर थोड़ी देर बाद ही चीख में बदल गया।
डीजे में खराबी क्या हुई उत्सव मना रहे लोगों की भीड़ कच्चे घर में सो रहे दंपती पर हमला कर दिया। घर से बाहर खींचकर नाई से सिर का बाल काटा। जूते-च्चपल का माला गूंथा गया। दोनों के गले में पहनाकर अपमानित और पिटाई की गई। पिटाई से पति की मौत होने के बाद भी कोई बचाने की हिम्मत नहीं की।
करीब आठ सौ लोगों की है आबादी
हिसुआ के पांचूगढ़ मुसहरी टोला अब नगर पंचायत का हिस्सा बन चुका है। करीब 150 मांझी परिवार रहते हैं । करीब सात सौ से आठ सौ की आबादी रहती है।
ज्यादातर लोग मजदूरी करते हैं। सुख-सुविधाओं में कोई कमी नहीं है। बिजली, पानी, सड़क सरकारी योजना से पहुंची लेकिन मेहनत मजदूरी कर घरों में टीवी, हाथों में मोबाइल और कुछ ने पक्के मकान भी बना लिए हैं।
पढ़ाई-लिखाई के लिए सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र भी है। मुसहरी टोले के बच्चों को यहां एकाध वक्त का खुराक मिल जाता है। टोले के किशोर-किशोरी ज्यादा पढ़ नहीं पाते, पास में ही प्राथमिक विद्यालय है। यहां युवक ईंटखोली में काम करने निकल जाते हैं और ताउम्र मेहनत-मजदूरी करके गुजर-बसर करते आ रहे हैं।
ऐसे में इनके बीच कई अंधविश्वास अब भी प्रचलन में हैं। किसी ने काना-फूसी की, तो धीरे-धीरे यही यकीन में बदल जाता है। पांचूगढ़ मुसहरी में मंगलवार की रात वृद्ध दंपती के साथ भीड़ की हिंसा की घटना इसी काना-फूसी और अंधविश्वास का परिणाम है। शहर के लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं लेकिन किसी ने बचाने की हिम्मत नहीं की।
पुलिस थाने से बमुश्किल 700 मीटर की दूरी पर है अनुसूचित टोला
हिसुआ थाने इस अनुसूचित टोला से बमुश्किल 700 मीटर की दूरी पर है। इतनी बड़ी घटना हो जाएगी, किसी को अंदेशा नहीं था। घटना के बाद पुलिस की चौकसी जरूर बढ़ाई गई है। इस बीच देर रात या यूं कहें कि अहले सुबह की घटना को लेकर कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं।
हालांकि दैनिक जागरण इसकी पुष्टि नहीं करता है। इन वीडियो में उस अधड़े को लेकर मारते-पीटते हुए दिख रहे हैं। भीड़ की ओर से "मारो-मारो" तो "छोड़ दो" जैसी मिश्रित आवाज आती है। लात-घुंसा से अधेड़ की पिटाई दिखती है। यह अधेड़ पति अब इस दुनिया में नहीं हैं। आसपास के लोगों ने बताया कि दंपती का दमाद ईंटखोला पर मजदूरी करता है।
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