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    सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को मिलेगी विशेष सुविधा, हर महीने तीन दिन लगेगा कैंप

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 07:50 PM (IST)

    नवादा जिले के सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर लगाए गए। गर्भवती महिलाओं की जांच की गई और उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया गया। रक्ताल्पता उच्च रक्तचाप मधुमेह जैसी बीमारियों की जांच हुई और मुफ्त दवाएं बांटी गईं। चिकित्सकों ने महिलाओं को नियमित जांच कराने की सलाह दी।

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    सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को मिलेगी विशेष सुविधा। फोटो जागरण

    संवाद सहयोगी, नवादा।  जिले के सरकारी अस्पतालों में मंगलवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर शिविर लगा। इन शिविरों में गर्भवती महिलाओं की जांच हुई। खासकर उच्च जोखिम गर्भावस्था (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) वाली महिलाओं की पहचान पर विशेष जोर रहा।

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    शिविरों में गर्भवती महिलाओं की सामान्य जांच की गई और इनमें विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त महिलाओं को चिह्नित किया गया। साथ ही रक्ताल्पता (खून की कमी), उच्च रक्तचाप (प्रीएक्लेम्पसिया), गर्भावस्था के दौरान मधुमेह (गेस्टेशनल डायबिटीज), गर्भनाल (प्लेसेंटा) से जुड़ी समस्याओं की भी जांच-पड़ताल की गई।

    इन महिलाओं का सफलतापूर्वक संस्थागत प्रसव कराने पर जोर रहा। इसके लिए उन्हें नियमित जांच कराने के साथ खान-पान और दवाइयां खाने का परामर्श दिया गया। शिविर में जरूरी दवाएं मुफ्त में बांटी गई।

    सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार चौधरी ने रजौली अनुमंडलीय अस्पताल और सिरदला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का औचक निरीक्षण किया।

    चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को गर्भवती महिलाओं की जांच के दौरान उच्च जोखिम वाली महिलाओं को चिह्नित करते हुए उन्हें महीने के 09, 15 और 21 तारीख को नियमित रूप से जांच कराने को सलाह देने को निर्देशित किया।

    साथ में डीएचएस डीपीएम अमित कुमार, लिपिक नकीबुल हक, पिरामल फाउंडेशन के राजेश प्रभाकर व अन्य चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।   नवादा सदर अस्पताल में 186 गर्भवती महिलाओं की जांच हुई, जिसमें छह महिलाएं हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की शिकार मिली।

    वारिसलीगंज में 21 गर्भवती माताओं में मिले गंभीर लक्षण

    वारिसलीगंज माफी गढ़ स्थित रेफरल अस्पताल में प्रधानमंत्री मातृत्व जांच शिविर में 412 गर्भवती माताओं की विभिन्न जांच की गई। पहुंची 21 गर्भवती माताओं को गर्भावस्था में हाई रिस्क के लिए चिन्हित किया गया।

    सभी को आवश्यक दवाइयां एवं सुझाव दिया गया। जबकि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं रहने से गर्भवती माताओं की जांच प्रभावित हुई।

    जांच शिविर में गर्भावस्था में गंभीर रोगों से ग्रसित और आपरेशन कराने वाली महिलाओं को नवादा रेफर करने का निर्देश दिया गया। तीन माताओं में एनीमिया, दो में सिफलिस संक्रमण, छह में आरएच पाजिटिव जैसी स्वास्थ्य समस्याओं वाली कुल 21 महिलाएं चिह्नित की गई।

    हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं को पौष्टिक आहार लेने की सलाह

    सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नारदीगंज में 316 गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य जांच की गई। चिकित्सक ने गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी। जांच में चार हाई रिस्क की गर्भवती महिलाएं पहुंची।

    उन्हें रक्त की कमी पाई गई। प्रभारी डॉ. नवीन कुमार, डॉ. विमलेंद्र कुमार, डॉ. प्रवीण कुमार सिन्हा, इकबाल आलम, डाटा आपरेटर जितेन्द्र कुमार, एएनएम ममता कुमारी, मंजू कुमारी, धर्मशीला कुमारी समेत अन्य रहे।

    रजौली के स्वास्थ्य शिविर में पहुंची गर्भवती महिलाओं में तीन चिह्नित

    रजौली (नवादा) प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत रजौली एसडीएच में विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया। 217 गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, इनमें से तीन को हाई रिस्क कैटेगरी में पाया गया। हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की रिपोर्ट पीएचसी रजौली को भेजी गई।

    अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. दिलीप कुमार ने बताया कि सितंबर माह के इस शिविर में तीन हाई रिस्क केस पाए गए, जबकि अगस्त में छह हाई रिस्क महिलाएं सामने आई थीं।   शिविर में आई महिलाओं को नाश्ते के रूप में सूखा मेवा, मीठा बिस्किट और फल का पैकेट दिया गया।

    अकबरपुर व काशीचक में गर्भवती महिलाओं का प्रसवपूर्व जांच

    सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काशीचक में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जांच की गई। प्रभारी डॉ. जीवेश कुमार द्वारा गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा परामर्श दिया गया।

    अकबरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में आयोजित शिविर में करीब 260 गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। गर्भवती महिलाओं को समय पर जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध करा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना है।

    मातृ और शिशु स्वास्थ्य बेहतर हो, प्रसव के दौरान इनकी मृत्यु दर कम हो। सरकार इस पर विशेष ख्याल रख रही है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत अब तीन दिन 09, 15 और 21 तारीख को गर्भवती महिलाएं जांच करा सकती हैं।  हाई रिस्क प्रेग्नेंसी मामलों से निबटने को डाक्टर दवाएं, इंजेक्शन और जरूरी परामर्श देते हैं। अस्पताल में आयोजित शिविरों की जांच-पड़ताल भी की जा रही है। - डा. विनोद कुमार चौधरी, सिविल सर्जन, नवादा।