मुंबई और पटना को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला आरोपित गिरफ्तार, बिहार पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड पर लिया
मुंबई ट्रैफिक पुलिस को धमकी देने के आरोप में अश्विनी कुमार को गिरफ्तार किया गया है। पटना पुलिस की मदद से मुंबई पुलिस ने उसे नोएडा से पकड़ा। उस पर गांधी मैदान थाने को भी धमकी भेजने का आरोप है। जांच में पता चला कि उसने दोस्त फिरोज को फंसाने के लिए साजिश रची थी। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

जागरण संवाददाता, पटना। मुंबई ट्रैफिक पुलिस को सरकारी वॉट्सऐप नंबर पर संदेश भेजकर अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन में धमाका करने की धमकी देने के आरोपित अश्विनी कुमार को मुंबई पुलिस ने पटना पुलिस की टेक्निकल टीम की मदद से नोएडा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
अब पटना पुलिस ने उसे गांधी मैदान थाने को धमकी भरे संदेश भेजने के मामले में चार दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर लिया है। गांधी मैदान थाने में चार सितंबर को उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। उसे आर्थर रोड जेल, मुंबई से ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया और सोमवार को पटना लाया गया।
हालांकि, मुंबई पुलिस ने जांच के बाद धमकी भरे संदेश को फर्जी करार दिया था। जब पूछताछ में पता चला कि अश्विनी ने अपने पुराने दोस्त फिरोज को फंसाने के लिए यह साजिश रची थी, क्योंकि फिरोज ने उसके खिलाफ पटना के फुलवारीशरीफ थाने में जालसाजी का मामला दर्ज कराया था।
इसमें अश्विनी को कुछ दिन जेल में रहना पड़ा था। गांधी मैदान थाने को भेजे गए धमकी भरे संदेश में भी फिरोज का नाम जोड़ा गया था।
पटना पुलिस उससे पूछताछ कर रही है कि फिरोज के नाम से धमकी भरा संदेश क्यों भेजा गया? उस सिम नंबर से और कहां-कहां धमकी भेजी गई? जिस नाम से मोबाइल लिया गया, उससे उसका क्या संबंध है? मंगलवार को उसे पटना सिविल कोर्ट में प्रस्तुत कर न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा।
गांधी मैदान थानाध्यक्ष अखिलेश मिश्रा ने बताया कि धमकी के अलावा अश्विनी के खिलाफ मई में गबन का एक केस भी दर्ज हुआ था। उससे पूछताछ की जा रही है।
फंसाने के लिए दोस्त ने रची साजिश
सूत्रों की मानें तो अश्विनी ने पूछताछ में अपने एक पुराने दोस्त का नाम लिया। उसने बताया कि उसी दोस्त ने उसे फंसाने के लिए यह पूरी साजिश रची। जिस पर अश्विनी आरोप लगा रहा है वह किताब विक्रेता है।
आरोप है कि अश्विनी ने उससे 15 लाख रुपये उधार लिए थे और बार-बार मांगने पर भी पैसे नहीं लौटाए। इसी विवाद में उसे फंसाया गया। अश्विनी का दावा है कि उसने कभी धमकी नहीं दी, बल्कि दोस्त ने ही पटना से उसके दिल्ली वाले पते पर कुरियर से एक मोबाइल भेजा था।
मुंबई पुलिस ने छह सितंबर को जब उसे नोएडा से गिरफ्तार किया, तब उसके पास से वह मोबाइल मिला था, जिसमें लगे सिम से धमकी भरा संदेश भेजा गया था। पुलिस को उसके खिलाफ ठोस साक्ष्य मिले थे।
अश्विनी पहले पाटलिपुत्र कालोनी और भट्टाचार्य रोड में रह रहा था। वर्ष 2020 में उसने पटना का मकान बेचकर दिल्ली शिफ्ट किया और वहां वास्तुशास्त्र में शोध शुरू किया। उसका कहना है कि उसने संगीत विषय से पीएचडी की है।
34 वाहनों में मानव बम लगाने और 400 किलो आरडीएक्स प्लांट करने की दी थी धमकी
मुंबई ट्रैफिक पुलिस के वॉट्सऐप नंबर पर जो संदेश मिला था, उसमें लिखा था कि 34 वाहनों में मानव बम लगाए गए हैं और 400 किलो आरडीएक्स भी प्लांट किया गया है।
इसी तरह पटना के गांधी मैदान थाने को भी बम से उड़ाने और 23 जगह बम रखने की धमकी दी गई थी।
पटना पुलिस की जांच में पता चला कि धमकी देने वाला अपना नाम फिरोज बता रहा था, लेकिन मोबाइल धारक कोई और निकला। उस मोबाइल नंबर का एक्टिवेशन जनवरी 2025 में हुआ था। धमकी वाले संदेश के बाद मोबाइल बंद कर दिया गया, लेकिन उसका आखिरी लोकेशन नोएडा में मिला था।
फुटेज से हुई पहचान
मुंबई पुलिस की जांच में पाया गया कि था अश्विनी ने नया सिम और नया मोबाइल लेकर संदेश भेजा और फिर मोबाइल बंद कर दिया ताकि लोकेशन ट्रेस न हो सके। सिम कार्ड नोएडा से खरीदा गया था। वहां सिम बेचने वाले वेंडर तक पुलिस पहुंची।
दुकान के पास का सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर अश्विनी की तस्वीर मिली। फुटेज से यह भी सामने आया कि एक डिलिवरी ब्वाय उस युवक के पास जाता था। पुलिस ने डिलिवरी ब्वॉय का नंबर लेकर पूछताछ की और उसके जरिए अश्विनी के फ्लैट तक पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर मुंबई ले गई।
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