एआइ को बना दिया ज्योतिषी, सवाल एक-14 को कौन आएगा ?, जानिए जवाब
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) बिहार चुनाव 2025 को लेकर पूछे गए सवालों से चकरा गया है। लोगों ने एआइ से चुनाव परिणाम और जीतने वाली पार्टियों के बारे में प्रश्न पूछे लेकिन एआइ ने पुराने चुनाव परिणाम जनमत सर्वेक्षण और ईसीआइ की वेबसाइट देखने की सलाह दी। एआइ ने राजनीतिक तापमान का आकलन करने में असमर्थता जताई।

अक्षय पांडेय, पटना। जल्दी का काम शैतान का। लिहाजा, पहले जान और ज्ञान लेने की इच्छा में एक ही प्रश्न बार-बार सुन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) भी चकरा रहा है। सवाल है कि 14 नवंबर को कौन आएगा? यह बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने की तिथि है। ऐसे में फिल्म का डायलाग याद आता है। मेरे करण-अर्जुन आएंगे।
बाल दिवस के दिन चाचा नेहरू तो याद किए जाएंगे, पर सर्वाधिक कुर्सी जीतने वाले का कैसे पता कर पाएंगे? एआइ किसी को खाली हाथ कहां जाने देता है।
पिछले चुनावों के परिणाम और इधर-उधर से जनमत सर्वेक्षण का हवाला देकर सुरक्षित खेल लेता है। संभावना दिखाता है। चुनौती बताता है। थक-हारकर पंडित-ज्योतिष भी बन जाता है। बोल देता है- चुनाव परिणाम अनिश्चित होते हैं।
एक्स पर सक्रिय रहने वाले गोविंद थोड़े नाराज हैं। उन्होंने ग्रूक से प्रश्न पूछा था, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में किन पार्टियों को मजबूत बढ़त है। कौन जीत सकता है?
लंबे-चौड़े ज्ञान के बाद उत्तर भी मजबूत मिला, अधिक जानकारी के लिए ईसीआइ की वेबसाइट चेक करें। गोविंद ने कहा, ये तो मुझे भी पता है। समझ आ गया, एआइ सब बता सकता है, पर बिहार के राजनीतिक तापमान का आकलन नहीं कर सकता।
गुड्डू गर्ग ने प्रश्न परिवर्तित कर दिया। पूछा- चुनाव किसके पक्ष में है?
एआइ ने कहा, सीटों के मामले में महागठबंधन में आरजेडी का दबदबा है। बीजेपी कुछ विधायकों के टिकट काट सकती है।
हम भविष्यवाणी पर नहीं, डेटा पर भरोसा करते हैं
चुनाव के चक्कर में एआइ को पंडित बना दिया है। कुछ रास्ता नहीं दिखने पर धीरेंद्र प्रताप सिंह ने पूछा कि बिहार चुनाव के परिणाम की ज्योतिष भविष्यवाणी बताओ।
जवाब मिला, हम ज्योतिष पर नहीं, डेटा पर भरोसा करते हैं। ज्योतिष भले न बने पर बिहार वालों के हावभाव देखकर एआइ को संत बनना पड़ रहा है।
द नार्थ पोल नाम से बने एक अकाउंट से प्रश्न पूछा गया, विकास न करने वाले वोट मांगने आएं, तो कैसे विरोध करें।
सवाल सुन एआइ ने अपना मिजाज बदला। कहा, मतदाता की नाराजगी समझ आती है। एनडीए और महागठबंधन के वादों पर नजर रखो। घोषणा पत्र ध्यान से पढ़ो। विकास और सामुदायिक सद्भाव पर विचार करो। उम्मीदवार के सामने शांति से पेश आओ।
आशीष विद्यार्थी ने पूछा- बिहार में पलायन, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से बचने के लिए किसे वोट दें?
उत्तर मिला, पुराने दलों के उम्मीदवार को मत देने से पहले स्थानीय रिकार्ड (जैसे आपके विधानसभा क्षेत्र में रोजगार सृजन या भ्रष्टाचार के मामले) चेक करें। विश्वसनीय मुद्दों को प्राथमिकता दें। नए दल-उम्मीदवारों को भी अपनाएं, लेकिन यह जोखिम भी हो सकता है।
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