Bihar Chunav: कांग्रेस में कलह के बीच इस नेता से संभाला मोर्चा, बिहार आते ही भाजपा पर बोला हमला
बिहार कांग्रेस में विधानसभा चुनाव से पहले अविनाश पांडेय को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। वे संगठनात्मक समन्वय और रणनीति निर्माण का काम देखेंगे। उन्होंने एनडीए सरकार पर बिहार को बेरोजगारी और पलायन की ओर धकेलने का आरोप लगाया। पांडेय ने राहुल गांधी की नीतियों की सराहना की और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने छठ व्रतियों के लिए ट्रेनों के इंतजाम को भी नाकाफी बताया।

कांग्रेस नेता अविनाश पांडेय
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस में पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व राज्यसभा सदस्य अविनाश पांडेय को बड़े जिम्मेदारी देकर बिहार भेज दिया है। खुद अविनाश पांडेय ने इंटरनेट मीडिया पर इस संबंध में जानकारी साझा की है। उन्होंने लिखा कि कल से बिहार प्रवास पर रहूंगा, जहां आगामी चुनावों के लिए संगठनात्मक समन्वय और रणनीति निर्माण की ज़िम्मेदारी संभालूंगा।
यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि बिहार की दिशा और दशा तय करने वाला निर्णायक अवसर है। एनडीए सरकार ने राज्य को बेरोजगारी, पलायन और विकासहीनता की ओर धकेला है। अब जनता परिवर्तन के लिए तैयार है। उन्होंने राहुल गांधी की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस एक बार फिर जन आकांक्षाओं का केंद्र बनकर उभर रही है।
हमारा उद्देश्य स्पष्ट है, संगठन को सशक्त करना, कार्यकर्ताओं के उत्साह को दिशा देना और बिहार में कांग्रेस की विजय सुनिश्चित करना। विश्वास है, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सामूहिक परिश्रम और जनता के समर्थन से इस बार बिहार बदलाव की मिसाल बनेगी।
इधर कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी में बीते कई दिनों से टिकट बंटवारे अनुभवी और पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी किए जाने को लेकर काफी नाराजगी संगठन के अंदर फैली हुई है, जिस पर नियंत्रण के लिए अब अविनाश पांडे को यह जिम्मा सौंपा गया है।
पटना पहुंचते ही अविनाश पांडेय ने केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा छठ व्रतियों के लिए किये गये ट्रेनों के इंतजाम को नाकाफी बताया और उन्होंने कहा कि देश में कुल 13,452 यात्री ट्रेनें ही हैं, तो फिर बिहार के लिए 12,000 ट्रेनों की झूठी खबर क्यों फैलाई गई?
देश के कोने-कोने से बिहार लौट रहे लाखों श्रद्धालु आज रेल की टॉयलेट में सोने को मजबूर हैं। यह दृश्य न केवल मानवता को तार-तार करता है, बल्कि बिहार की लोक-आस्था के साथ निर्मम कुठाराघात भी है।

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