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    Bihar: शराब तस्करी रोकने के लिए बना अलग नियंत्रण ब्यूरो, गृह विभाग ने दी 329 पदों की मंजूरी

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 07:17 PM (IST)

    बिहार में शराब और मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए गृह विभाग ने एक विशेष इकाई मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो का गठन किया है। इस इकाई में एक विशेष नारकोटिक्स थाना भी होगा जिसका कार्यक्षेत्र पूरे राज्य में फैला होगा। एडीजी कुंदन कृष्णन ने बताया कि इस इकाई के लिए 329 पदों को स्वीकृति दी गई है।

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    मादक पदार्थ और शराब तस्करी रोकने के लिए बना अलग नियंत्रण ब्यूरो

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में मादक पदार्थों और शराब तस्करी के अवैध नेटवर्क पर कार्रवाई के लिए विशेष इकाई गठित की गई है। इसका नाम मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो रखा गया है। गृह विभाग ने इसकी स्वीकृति प्रदान करते हुए इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। इस विशेष इकाई का अपना विशेष नारकोटिक्स थाना होगा, जिसका कार्यक्षेत्र पूरा राज्य होगा। पुलिस मुख्यालय में गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में एडीजी (मुख्यालय सह एसटीएफ) कुंदन कृष्णन ने यह जानकारी दी।

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    वर्तमान में पुलिस मुख्यालय स्तर पर कार्यरत मद्यनिषेध इकाई और आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की मद्यनिषेध इकाई को समेकित रूप से समाहित करते हुए अलग इकाई का गठन किया गया है। इसके दिसंबर से क्रियाशील होने की उम्मीद है।

    एडीजी ने बताया कि इस इकाई के लिए 329 पदों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें मद्यनिषेध इकाई में पहले से स्वीकृत 229 पदों को हस्तानांतरित करते हुए 100 अतिरिक्त पदों को स्वीकृत किया गया है। इसके नेतृत्व का जिम्मा एडीजी या आइजी रैंक के अधिकारी करेंगे।

    वहीं, डीआईजी का एक और एसपी रैंक के दो पद होंगे, जिसमें एक पद मद्य निषेध और दूसरा पद एसपी (नारकोटिक्स) का होगा। इसके अलावा डीएसपी के 18, इंस्पेक्टर के 48 और दारोगा के 50 पद समेत सिपाही के कई पद शामिल हैं।

    मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो के गठन का उद्देश्य राज्य में मादक पदार्थों और शराब तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करना है। चरस, गांजा समेत अन्य मादक पदार्थों, स्वापक औषधियों के साथ ही सभी तरह के नारकोटिक्स ड्रग्स से संबंधित मामलों का निपटारा इसके तहत किया जाएगा।

    सभी प्रकार के नारकोटिक्स ड्रग्स से संबंधित मामलों का निपटारा करने में इसका विशेषाधिकार होगा। हाल में चरस एवं गांजा के नेटवर्क को खंगालने पर इसके तार नेपाल और राजस्थान से मिले हैं। वहां के भी कई लोग रडार पर हैं। इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के साथ ही दूसरे शहरों या देशों में इस नेटवर्क में शामिल तमाम अपराधियों को दबोचने में यह इकाई काम करेगी।

    सात ड्रग्स तस्कर गिरोह चिह्नित, कोटा कैप्सूल पर नजर:

    एडीजी कुंदन कृष्णन ने बताया कि एसटीएफ के नारकोटिक्स सेल की ओर से लगातार ड्रग्स तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। अभी तक ऐसे सात गिरोह चिह्नित किए गए हैं।

    उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में मुजफ्फरपुर, वैशाली जैसे इलाकों में कैप्शूल फार्म में मादक द्रव्यों की खेप युवाओं तक पहुंचाने की शिकायत मिली है, इसे कोटा कैप्सूल कहा जाता है। पुलिस इस नेटवर्क को खंगालने में लगी है।

    इसके अलावा अलग-अलग तरह के सिगरेट के रूप में भी मादक द्रव्यों की तस्करी हो रही है। उन्होंने बताया कि एसटीएफ ने इस वर्ष एक अप्रैल से 31 अगस्त तक 765.42 किलोग्राम स्मैक, 8.50 किलो अफीम, 3.154 किलो हेरोईन, 375 किलो डोडा, 3.500 किलो गांजा आदि बरामद किया है। इस कार्रवाई में 51 तस्करों की भी गिरफ्तारी हुई है।