Bihar Assembly Speaker: विधानसभा अध्यक्ष बनने वालों की लंबी कतार, प्रेम कुमार और तारकिशोर आगे
बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए एनडीए में होड़ मची है। भाजपा के प्रेम कुमार और तारकिशोर प्रसाद प्रमुख दावेदार हैं। प्रेम कुमार नौवीं बार विधायक बने हैं, जबकि तारकिशोर प्रसाद पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। जदयू से नरेंद्र नारायण यादव भी दौड़ में हैं। प्रेम कुमार ने कहा कि वे पार्टी के हर फैसले को मानने के लिए तैयार हैं।
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प्रेम कुमार और तारकिशोर प्रसाद।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा का अध्यक्ष बनने के लिए एनडीए के घटक दलों में लंबी कतार है। जदयू भी अध्यक्ष पद पर दावा कर रहा है, लेकिन भाजपा निश्चिंत है। भाजपा के वरिष्ठ विधायक प्रेम कुमार और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का नाम आगे चल रहा है। कुमार नौंवी बार गया शहर से विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। वे विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं।
निवर्तमान मंत्रिमंडल में सहकारिता मंत्री हैं। वे अति पिछड़ी जाति से आते हैं। तारकिशोर प्रसाद पांचवीx बार कटिहार से भाजपा उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव जीते हैं। वे 2020-22 के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री रहे हैं। सामाजिक समीकरण के हिसाब से वे वैश्य बिरादरी के हैं, जिन्हें भाजपा का कोर वोटर माना जाता है।
इनके अलावा दानापुर के भाजपा विधायक रामकृपाल यादव को भी इस पद के योग्य माना जा रहा है।रामकृपाल केंद्र सरकार में राज्यमंत्री रहे हैं।वे उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा, विधान परिषद और विधानसभा सदस्य बनने का अवसर मिला है। वे पटना नगर निगम के डिप्टी मेयर भी रह चुके हैं।
अगर यह पद जदयू के हिस्से में जाता है तो 17वीं विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव को अध्यक्ष पद पर बिठाया जा सकता है। सहज और मृदुभाषी नरेंद्र नारायण यादव मधेपुरा जिला के आलमनगर विधानसभा क्षेत्र से लगातार आठवीं बार विधायक चुने गए हैं।
नेतृत्व का हरेक निर्णय स्वीकार्य: प्रेम कुमार
भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार ने कहा है कि केंद्रीय नेतृत्व का हरेक निर्णय उन्हें स्वीकार्य है। विधानसभा अध्यक्ष बनने के प्रश्न पर मंगलवार को उन्होंने कहा-नेतृत्व अगर निर्देश देता है तो वे इस भूमिका को सहर्ष स्वीकार करेंगे। उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा उनसे मिलने पहुंचे थे।
सिन्हा ने कहा कि प्रेम कुमार ने पार्टी की ओर से दी गई हरेक भूमिका का निर्वहन गंभीरता से किया किया है। कृषि और सहकारिता मंत्री के रूप में उनकी सेवा यादगार है।
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