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    बिहार में मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल: नीतीश के नाम 9 बार शपथ लेने का रिकॉर्ड, लालू से 60 दिन अधिक CM रहीं राबड़ी

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 01:43 PM (IST)

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नौ बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर एक रिकॉर्ड बनाया है और वे सबसे अधिक दिनों तक इस पद पर रहने वाले नेता बन गए हैं। बिहार के राजनीतिक इतिहास में कई मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल दिलचस्प रहा है जिनमें सबसे छोटा कार्यकाल सतीश प्रसाद सिंह का था। राबड़ी देवी लालू प्रसाद से अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहीं जबकि श्रीकृष्ण सिंह का कार्यकाल सबसे लंबा रहा।

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    श्रीबाबू को छोड़ किसी कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने नहीं पूरा किया पांच साल का कार्यकाल

    राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपलब्धियों में उनका लंबा कार्यकाल भी है। नौ बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का एक रिकॉर्ड है। इसकी इसलिए भी चर्चा हो रही है कि वे इस पद पर सबसे अधिक दिनों तक रहने वाले राजनेता बन गए हैं। जीतनराम मांझी के 274 दिनों के कार्यकाल को छोड़ दें तो नीतीश इस साल नवंबर में पद पर 20 साल तक मुख्यमंत्री बने रहने का नया रिकॉर्ड बनाएंगे।

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    बिहार के राजनीतिक इतिहास में मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल भी एक दिलचस्प अध्याय है। इसमें न्यूनतम चार दिनों का कार्यकाल भी शामिल है। कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल का रिकॉर्ड यह है कि प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह को छोड़ किसी ने एक पारी में पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया। सबसे छोटा कार्यकाल सतीश प्रसाद सिंह के नाम दर्ज है।

    वे 1968 में 28 जनवरी से एक फरवरी तक इस पद पर रहे। वे शोषित दल के थे। इसी दल के वीपी मंडल ने एक फरवरी को मुख्यमंत्री का पद ग्रहण किया। उनका कार्यकाल 50 दिनों का रहा। तीन बार मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य भोला पासवान शास्त्री को भी प्राप्त हुआ।

    उनका पहला टर्म 22 मार्च 1968 को शुरू हुआ और उसी साल 29 जून (कुल 99 दिन) को समाप्त हो गया। दूसरा कार्यकाल 12 दिन (22 जून 04 जुलाई 1969) और तीसरा 221 दिन (02 जून 1971-09 जनवरी 1972) का रहा।

    कांग्रेस ने तीन बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर डॉ. जगन्नाथ मिश्रा को भी दिया। उनका कार्यकाल था-11 अप्रैल 1975 से 30 अप्रैल 1977 (दो साल 19 दिन), 08 जून 1980 से 14 अगस्त 1983 (तीन साल 67 दिन) और 06 दिसंबर 1989 से 10 मार्च 1990 (94 दिन)।

    लालू से 60 दिन अधिक सीएम रही हैं राबड़ी

    राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सात साल 190 दिन मुख्यमंत्री रहीं, लेकिन उन्हें भी पांच साल का लगातार कार्यकाल नहीं मिला।उनका दूसरा कार्यकाल 11 मार्च 2000 को शुरू हुआ। छह मार्च 2005 को समाप्त हो गया। वह दूसरे और अंतिम टर्म में चार साल 360 दिन तक मुख्यमंत्री रहीं।

    यह महत्वपूर्ण है कि राबड़ी देवी का कार्यकाल लालू प्रसाद की तुलना में 60 दिन अधिक मुख्यमंत्री रहीं। लालू प्रसाद का कार्यकाल सात साल 130 दिन रहा। हां, लालू प्रसाद इस मामले में राबड़ी देवी से आगे रहे कि उनका पहला कार्यकाल 10 मार्च 1990 से 28 मार्च 1995 तक रहा। यह पांच साल 18 दिन था।

    एक साल से कम समय मिला

    कई ऐसे मुख्यमंत्री हुए जिनकी चर्चा तो खूब हुई, लेकिन उन्हें एक साल से कम का कार्यकाल मिला। महामाया प्रसाद सिन्हा, दारोगा प्रसाद राय, रामसुंदर दास, जीतनराम मांझी, सत्येंद्र नारायण सिन्हा, भोला पासवान शास्त्री और वीपी मंडल शामिल हैं।

    यह रिकॉर्ड अब भी श्रीबाबू के नाम

    लगातार लंबे समय तक मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड आज भी प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के नाम ही दर्ज है। वे 14 साल से अधिक समय तक लगातार इस पद पर रहे। पूरे कार्यावधि के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रिकॉर्ड है। वे लगातार 20 साल तक इस पद पर बने रहने का रिकॉर्ड बना सकते थे, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद उन्होंने स्वयं पद त्याग कर दिया।

    20 मई 2014 से 22 फरवरी 2015 तक जीतनराम मांझी मुख्यमंत्री रहे। इसके कारण लगातार पद पर बने रहने के श्रीबाबू के रिकॉर्ड नीतीश अब तक नहीं तोड़ पाए।

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