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    Bihar Election 2025: बिहार चुनाव के बीच ये प्रत्याशी गए जेल, बेटा-बेटी ने संभाली चुनाव प्रचार की बागडोर

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 11:54 AM (IST)

    बिहार चुनाव 2025 के दौरान, कुछ प्रत्याशियों के जेल जाने के बाद, उनके बेटों और बेटियों ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली है। युवा पीढ़ी के सदस्य समर्थकों को एकजुट रखने और चुनाव अभियान को जारी रखने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। वे घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं और रैलियों में भाषण दे रहे हैं, जिससे मतदाताओं में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है।

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    रीतलाल यादव और अनंत सिंह। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पटना। पटना के दो विधानसभा क्षेत्रों मोकामा और दानापुर में इस बार चुनावी तस्वीर कुछ अलग नजर आ रही है। दोनों ही सीटों के प्रत्याशी जेल में हैं। प्रचार की बागडोर अब उनके बेटे-बेटियों ने संभाल ली है।

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    मोकामा से जदयू प्रत्याशी और पूर्व विधायक अनंत सिंह दुलारचंद यादव हत्याकांड में जेल में बंद हैं, जबकि दानापुर से राजद प्रत्याशी और वर्तमान विधायक रीतलाल यादव आपराधिक मामले में भागलपुर जेल में बंद हैं।

    मोकामा में अनंत सिंह की गैरमौजूदगी के बावजूद चुनावी माहौल पूरी तरह गर्म है। उनके दोनों बेटे अंकित सिंह और अभिषेक सिंह पिता की विरासत को बचाने के लिए पूरे क्षेत्र में घूम-घूमकर प्रचार कर रहे हैं। गांव-गांव जाकर मतदाताओं से मिल रहे हैं, आशीर्वाद मांग रहे हैं और अपने पिता के विकास कार्यों की चर्चा कर वोट देने की अपील कर रहे हैं।

    वहीं दूसरी ओर, दानापुर में रीतलाल यादव की अनुपस्थिति में उनकी बेटी श्वेता सिन्हा ने पूरे जोश के साथ चुनाव प्रचार की कमान संभाल ली है। श्वेता न केवल महिलाओं के बीच जा रही हैं, बल्कि नुक्कड़ सभाओं और पदयात्राओं के जरिए लोगों से जुड़ रही हैं।

    उनके प्रचार का अंदाज भी भावनात्मक हैं। वे मतदाताओं से पिता के नाम पर समर्थन की अपील कर रही हैं। प्रत्याशी जेल में हैं, पर मोकामा और दानापुर में चुनावी गर्मी वैसी ही है। अंतर बस इतना कि अब बेटे-बेटी अपने पिता का चेहरा बनकर घूम रहे।