Bihar Election 2025 : मांझी ने पढ़ी कृष्ण की चेतावनी, दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम
बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच जीतन राम मांझी ने एनडीए से 15 सीटों की मांग दोहराई है। उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की कविता के माध्यम से अपना संदेश दिया जिसमें चिराग पासवान से आधी सीटें पाने की इच्छा और मांग पूरी न होने पर विद्रोह की चेतावनी भी शामिल है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार एनडीए में टिकट बंटवारे का पेच बुरी तरह फंस गया है। चिराग पासवान की ना-नुकूर के बीच अब केंद्रीय मंत्री एवं हम के संरक्षक जीतन राम मांझी ने भी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। मांझी ने बुधवार को पहले तो रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता ''''रश्मिरथी'''' से कृष्ण की चेतावनी वाले हिस्से की पंक्तियां शेयर की।
इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए स्पष्ट किया कि अगर उनकी पार्टी हम को 15 सीटें नहीं मिलती हैं, तो वह एक भी सीट पर विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। मांझी ने बुधवार को अपने एक्स अकाउंट पर कविता पोस्ट करते हुए लिखा-''''हो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, हम वही खुशी से खाएंगे, परिजन पे असि न उठाएंगे।'''' मांझी के इस पोस्ट में आग्रह और चेतावनी दोनों है।
इसके साथ ही चिराग पासवान से कम से कम आधी सीटें पाने का हठ भी छिपा है। इस कवितानुमा पोस्ट में 15 ग्राम को विधानसभा की 15 सीटों से जोड़कर देखा जा रहा है। यूं भी वास्तविक कविता में यहां पांच ग्राम का जिक्र है। मांझी ने अपनी बात रखने के लिए पांच को 15 कर दिया है। मांझी ने मीडिया में बयान दिया कि सीटों का कोई झगड़ा नहीं है। एनडीए से मेरा आग्रह बस 15 सीटों का है।
अगर 15 सीटें नहीं मिलती हैं, तो हम निबंधित पार्टी ही रह जाएंगे। जब राज्यस्तरीय पार्टी बन ही नहीं पाएंगे तो फिर चुनाव लड़ने से क्या फायदा। ऐसे में हम तन-मन से एनडीए के साथ तो रहेंगे मगर एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, पोस्ट की पहली लाइन ''''हो न्याय अगर तो आधा दो'''' को चिराग और हम को मिलने वाली सीटों के अंतर से जोड़कर देखने की जरूरत है।
माना जा रहा है कि चिराग अपनी पार्टी के लिए कम से कम 25-30 सीटें मांग रहे हैं। मांझी चिराग को मिलने वाली सीटों की तुलना में आधी सीटों पर हक जता रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, एनडीए में हम को सात से आठ सीटें ही मिलने की उम्मीद है।
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