Bihar Election 2025: महागठबंधन के सीट बंटवारे में क्यों हो रही देरी? सांसद पप्पू यादव ने दिया जवाब
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर देरी हो रही है। निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने राजद की तकनीकी रणनीति को इसका कारण बताया है। वामपंथी दलों के बीच सहमति बन गई है, लेकिन कांग्रेस और वीआईपी के साथ सीटों का तालमेल अभी बाकी है। भाकपा-माले पर कुछ सीटें छोड़ने का दबाव भी है।
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डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का नामांकन जारी है, लेकिन दोनों ही गठबंधनों के सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। वहीं महागठबंधन के सीटों के बंटवारे को लेकर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने बताया कि सीट शेयरिंग पर देरी क्यों हो रही है।
सांसद ने कहा कि पहले जो राजद थी, वह 'मास' पार्टी थी, लेकिन अब टेक्निकल राजद है। अब आप टेक्निकल चीजों में ही फंस जाएंगे तो देरी तो होगी ही।
उन्होंने कहा, "पहले भी हमने कहा कि आप अपने सभी गठबंधन दलों को सम्मान दीजिए। कांग्रेस के हक को या कांग्रेस के सम्मान को राहुल गांधी के रहते तो कोई छीन नहीं सकता।"
#WATCH | पटना, बिहार: पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने महागठबंधन में सीटों के बटवारे पर कहा, "...पहले जो राजद थी वह 'मास' पार्टी थी लेकिन अब टेक्निकल राजद है। अब आप टेक्निकल चीजों में ही फंस जाएंगे तो देरी तो होगी ही। पहले भी हमने कहा कि आप अपने सभी गठबंधन दलों को सम्मान… pic.twitter.com/hkqyy1TiRI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 11, 2025
बता दें कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर वामपंथी दलों की तस्वीर साफ होती दिख रही है। माकपा को चार, भाकपा को आठ और भाकपा-माले को 19 सीटें मिल सकती हैं, लेकिन माले से चार सीटिंग सीट को छोड़ने का प्रेशर भी है।
इसमें औराई, तरारी, घोसी और पालीगंज शामिल है। इन सीटों पर राजद और कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, इन चार सीटों को भाकपा-माले छोड़ने के लिए कतई तैयार नहीं है।
महागठबंधन के समन्वय समिति के एक सदस्य ने बताया कि वामपंथी दलों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला साफ है। सीटों के बंटवारे में जो देरी है वो कांग्रेस और विकासशील इंसान पार्टी को लेकर है>
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