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    Bihar Politics: जदयू और भाजपा ने आपस में सेट कर लिया नंबर गेम, चिराग को दिया इतनी सीटों का ऑफर

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 06:59 PM (IST)

    चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को दो चरणों में कराने की घोषणा की है पर एनडीए में सीटों का बंटवारा अभी तक नहीं हो पाया है। चिराग पासवान अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं जबकि जीतनराम मांझी भी अपनी पार्टी के लिए पर्याप्त सीटें चाहते हैं ताकि उनकी पार्टी को राज्य स्तरीय दल का दर्जा मिल सके।

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    चिराग के साथ भाजपा नेताओं की बातचीत शुरू, विस की 25 सीटों का प्रस्ताव

    राज्य ब्यूरो, पटना। चुनाव आयोग ने दो चरणों में विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) कराने की घोषणा तो कर दी है, लेकिन राज्य के दोनों बड़े गठबंधनों ने अबतक तैयारी का पहला चरण पूरा नहीं किया है। यह घटक दलाें के बीच सीटों के बंटवारे का चरण है, जिसमें दोनों-एनडीए और महागठबंधन उलझे हुए हैं।

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    एनडीए में नई बात यह हुई है कि सीटों की संख्या को लेकर मुंह फुलाकर बैठे लोजपा (रा) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मंगलवार को भाजपा नेताओं से बातचीत की।

    भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े ने बताया कि उनके साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी चिराग पासवान मिले। उनसे बिहार चुनाव को लेकर चर्चा हुई। बिहार की प्रगति के लिए एनडीए सरकार आवश्यक है और इसके लिए एनडीए गठबंधन के सभी साथी संकल्पबद्ध हैं।

    भाजपा के ये नेता चिराग के नई दिल्ली स्थित आवास पर गए थे। हालांकि, उन्होंने बातचीत का ब्यौरा नहीं दिया।

    सीटों को लेकर अड़े हैं चिराग

    असल में विधानसभा सीटों की संख्या को लेकर चिराग अड़े हुए हैं। उन्हें 18-20 सीटें दी जा रही थी। अब यह संख्या 25 हो गई है, लेकिन वे लोकसभा की एक जीती हुई सीट के एवज में विधानसभा की छह सीटों की मांग कर रहे हैं।

    उनके पांच सांसद हैं और इस हिसाब से उन्हें विधानसभा की कम से कम 30 सीटें चाहिए। एनडीए के दो अन्य घटक दलों हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा से भी बातचीत चल रही है। कोई परिणाम नहीं निकला है।

    मांझी की डिमांड- 16 से 18 सीटें

    केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी की अगुवाई वाला हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा प्रत्यक्ष रूप से 16-18 सीटों की मांग कर रहा है। वास्तव में वह 10-12 सीटों पर राजी हो जाएगा। मोर्चा का तर्क है कि उसे इतनी सीटें चाहिए, जिससे विधायकों की संख्या कम से कम सात हो, ताकि मोर्चा को राज्य स्तरीय दल का दर्जा मिल सके।

    जदयू और भाजपा के बीच सीटों को लेकर कोई तकरार नहीं है। जदयू की मांग है कि उसे पहले की तरह भाजपा से कम से कम एक अधिक सीट चाहिए।

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