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    बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जदयू को बड़ा झटका ! पूर्व मंत्री नाराज, नीतीश कुमार के लिए बढ़ी चुनौती

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 04:21 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जदयू को झटके लग रहे हैं। एनडीए में सीट बंटवारे से पार्टी में असंतोष है और कई नेता इस्तीफा दे रहे हैं। बीजेपी और जदयू को 101-101 सीटें मिली हैं। दिनारा से जय कुमार सिंह का टिकट कटने से उनके समर्थक नाराज हैं। लक्ष्मेश्वर राय और रणवीर नंदन जैसे कई नेता जदयू छोड़ चुके हैं। बीजेपी ने सीट बंटवारे में अपनी पकड़ मजबूत की है।

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    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले जदयू को लगातार झटके लग रहे हैं। एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे के बाद पार्टी के अंदर असंतोष की लहर है, और कई बड़े नेता नाराज होकर इस्तीफे दे रहे हैं।

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    जदयू के लिए चिंता की बात ये है कि एनडीए में बीजेपी और जदयू को बराबर 101-101 सीटें मिली हैं। अन्य सहयोगियों में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29, हम (जीतन राम मांझी) और आरएलएम (उपेंद्र कुशवाहा) को 6-6 सीटें दी गई हैं।

    रोहतास के दिनारा से जदयू के कद्दावर नेता जय कुमार सिंह का टिकट कटने की खबर ने आग में घी का काम किया है। उनके समर्थकों ने चेतावनी दी है कि अगर उनका टिकट नहीं मिला तो पूरी रोहतास जदयू इकाई इस्तीफा दे देगी। राजपूत, भूमिहार, यादव और कोइरी मतदाताओं में भारी नाराजगी की आशंका है। दिनारा, बाजपट्टी, सासाराम और महुआ जैसी सीटें सहयोगी दलों को गई हैं।

    शाहाबाद इलाका विपक्षी दलों RJD और कांग्रेस के लिए पहले से ही महत्वपूर्ण है। जदयू की अंदरूनी बगावत यहां उनकी स्थिति कमजोर कर सकती है।

    जदयू छोड़ चुके प्रमुख नेताओं में लक्ष्मेश्वर राय (पूर्व मंत्री), रणवीर नंदन (पूर्व MLC और जदयू प्रवक्ता), अली अशरफ फातमी (पूर्व केंद्रीय मंत्री), मुजाहिद आलम (पूर्व विधायक), और विजेंद्र यादव (पूर्व विधायक) शामिल हैं। इनमें से कुछ राजद में शामिल हो चुके हैं या होने वाले हैं।

    सीट बंटवारे में बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत की है, जिससे जदयू का वर्चस्व घटता दिख रहा है। जदयू को अब अंदरूनी असंतोष संभालने के साथ गठबंधन में एकजुटता बनाए रखनी होगी। दिनारा और आसपास के क्षेत्रों में जय कुमार सिंह समर्थकों की प्रतिक्रिया चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकती है।