बारिश बनी अन्नदाता की आफत; सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद, किसान बेहाल
पटना के मनेर में मोंथा चक्रवात के कारण लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। खेतों में तैयार धान की फसल गिर गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कई किसानों ने कर्ज लेकर खेती की थी, लेकिन बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। कृषि विभाग ने नुकसान का आकलन करने का आदेश दिया है।

बारिश से धान की फसल बर्बाद
उमा शंकर गुप्ता, मनेर(पटना)। मोंथा चक्रवात के कारण राज्य में लगातार तीन दिनों से बारिश हो रही है। जिससे जन जीवन प्रभावित तो कर ही दिया है, वही लगातार हो रही बारिश के चलते धान की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। धान की फसल गिर गई है। खेत में धान की फसल तैयार है और बारिश के वजह से फसल खेत में गिर गया किसान मायूस है।
कई किसानों का कहना है कि कहीं से कर्ज लेकर खेती की थी फसल भी लगभग तैयार होने की ओर थी, खेत में अच्छी फसल लगी थी, कुछ ही दिन में कटता तो बारिश आसमान से आफत बन कर टूट गई और कमर ही तोड़ डाली इस बाबत रामपुर के किस दिनेश कुमार सिंह ने कहा हम लोग के सामने का आहार भगवान ले लिया फसल 20 दिन में कटने वाला था इसी बीच बारिश ने सारे फसल को ले डूबा अब सरकार व भगवान पर ही आश है।
मौली नगर की किसान अखिलेश कुमार सिंह बताते हैं 50 बीघा जमीन बारिश से बर्बाद हो गया, हम लोग बर्बाद हो गए कर्ज लेकर खेती किए थे। फसल तैयार था पानी में डूब गया। हुलासी टोला के अरविंद सिंह बताते हैं कि पहले खेत में सारा धान अधपक्कू हुआ था अब कुछ दिन में ही कटाई का समय था बारिश मे सारा धान डूब गया।
इससे पहले बाढ़ ने खेतों को बर्बाद कर दिया। मोंथा साइक्लोन से धान के फसल की बर्बादी पूछे जाने पर मनेर प्रखंड कृषि पदाधिकारी अमरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि धान की फसल अगर 5 दिन 10 दिन गिरा हुआ भी रह जाए तो वह फसल बर्बाद नहीं हो सकती बहुत दिनों तक गिरे रहने के कारण बर्बाद हो सकती है धूप होने पर वह पुनःफसल खड़ी हो जाती है।
इसके लिए अनुमंडल कृषि पदाधिकारी का भी आदेश आया था की साइक्लोन से बर्बादी हुई या नहीं हुई। तो हमने क्षति नही होने का रिपोर्ट कर दिया है वैसे सभी कृषि समन्वकों को पत्र देकर अपने-अपने क्षेत्र में क्षति की जांच का आदेश दिया है अगर क्षति हुई तो बतावें, फिर नुकसान का रिपोर्ट जिला कृषि कार्यालय को भेजा जाएगा फिर मुआवजा या जैसा भी होगा सरकार के निर्देश पर होगा।

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