बिहार का 2023-24 का पहला अनुपूरक बजट; चौधरी बोले- केंद्र ने नहीं दी राशि, शिक्षकों को वेतन दे रही राज्य सरकार
Bihar Supplementary Budget विधान परिषद ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले अनुपूरक बजट को पारित कर दिया है। उसी दौरान वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना : मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को विधान परिषद ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले अनुपूरक बजट को पारित कर दिया है। सरकार का पक्ष रखते हुए वित्त व संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि नए वित्तीय वर्ष के तीन महीने गुजर चुके हैं। बिहार के साढ़े तीन लाख शिक्षकों के वेतन के लिए केंद्र ने अपने हिस्से की राशि नहीं दी है।
मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि शिक्षकों को जून तक का वेतन राज्य सरकार ने अपने खजाने से दिया है। इससे स्पष्ट है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार शिक्षकों के बहाने मात्र राजनीति करती है। केंद्र को शिक्षकों की कोई चिंता नहीं है।
वित्त मंत्री का केंद्र सरकार पर निशाना
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिजली की दर बढ़ाई तो राज्य सरकार ने सब्सिडी की व्यवस्था की। अनुपूरक बजट में उसका प्रवधान है। नीतीश कुमार की सरकार में महल से लेकर झोंपड़ी तक बिजली का कनेक्शन पहुंचा है। बजट में आपदा मद में भी राशि की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि राज्य के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है।
वाद-विवाद में भाग लेते हुए प्रो. रामवचन राय ने कहा कि सरकार कुशलता से वित्तीय प्रबंधन कर रही है। इसकी वजह से कभी लेखानुदान की नौबत नहीं आई है। इस बार समग्र शिक्षा के लिए लगभग 6,223 करोड़ रुपये की व्यवस्था है।
गन्ना किसानों के लिए कोष बनाने की राय
महेश्वर सिंह ने सरकार को राय दी कि गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान के लिए सौ करोड़ रुपये के कोष की व्यवस्था की जाए। उन्होंने चंपारण में बटन उद्योग को फिर से विकसित करने और नेपाल के बगल से जाने वाली सड़क को बेहतर बनाने की राय दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह रहे थे कि उन्होंने मोतिहारी से लेकर आपके गांव-घर तक सड़क बनवा दी है।
इसके अलावा, राजद के प्रो रामबली सिंह ने बताया कि अगले वर्ष 24 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की सौवीं जयंती है। शताब्दी वर्ष होने के कारण उनकी जयंती को विशेष रूप से मनाया जाना चाहिए।
सबको गुदगुदा गई महेश्वर और सुनील की कहासुनी
अनुपूरक बजट पर बोलने के लिए जदयू के महेश्वर सिंह ने सभापति से तीन-चार मिनट की अनुमति मांगी। राजद के सुनील कुमार सिंह ने उन्हें टोका। महेश्वर सिंह पलट पड़े और बोले, आपको सुनने की नहीं, कूदने की आदत है। इस पर सभी सदस्य हंस पड़े।
सभापति ने कहा कि ऐसे उलझने में तो तीन-चार मिनट यूं ही निकल जाएंगे। चुटकी लेते हुए महेश्वर सिंह ने कहा कि लोग कहीं जाकर मिठाई खा आते हैं और कहीं चादर भी ओढ़ा आते हैं। सुनील कुमार सिंह इशारा समझ गए। सायास बोल पड़े, हुजूर! ये तीन बार तीन अलग-अलग दल से सदन तक पहुंचे हैं।

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