Nitish Cabinet: सम्राट चौधरी को केवल एक क्यों? कई मंत्री संभालेंगे एक से अधिक विभाग
बिहार में नई सरकार के गठन के बाद विभागों का बंटवारा हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बार गृह मंत्रालय अपने पास नहीं रखा है। सम्राट चौधरी को बिहार की कानून व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी दी गई है। कई मंत्रियों को एक से अधिक विभागों का कार्यभार सौंपा गया है।

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी संभालेंगे गृह विभाग। जागरण
राज्य ब्यूरो, पटना। शपथ ग्रहण के करीब 30 घंटे बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा हो गया। सबसे बड़ी पार्टी के नाते भाजपा को गृह मंत्रालय मिला है।
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी अब राज्य के गृह मंत्री हैं। नीतीश के करीब 20 साल के कार्यकाल में पहली बार गृह विभाग उनसे अलग हुआ है।
वित्त विभाग जदयू के पास
कानून व्यवस्था नीतीश कुमार का मुख्य विषय रहा है। गृह विभाग पर ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जवाबदेही होती है। 2025 के विधानसभा चुनाव में भी यह महत्वपूर्ण मुद्दा था। कई अन्य मंत्रियाें को एक से अधिक विभाग मिला है।
लेकिन, सम्राट के जिम्मे केवल गृह विभाग है। ताकि वे इस पर पूरा समय दे सकें। गृह के बदले में महत्वपूर्ण वित्त विभाग जदयू के पास चला गया। इससे पहले सम्राट चौधरी ही वित्त विभाग के मंत्री थे।
गृह और वित्त के अलावा अन्य विभाग पहले की तरह दोनाें दलों के पास रह गए हैं। मंत्रिमंडल में शामिल किए गए दो नए दलोंं-लोजपा-रा और रालोमो के मंंत्रियों को भाजपा कोटे के विभाग दिए गए।
चिराग के दो संजय संभालेंगे पीएचईडी और गन्ना विभाग
रालोमो के दीपक प्रकाश को पंचायती राज विभाग का मंत्री बनाया गया है। इसी तरह लोजपारा के संजय कुमार सिंह को पीएचइडी और संजय कुमार को गन्ना उद्योग विभाग दिया गया है।
ये दोनों विभाग भाजपा के पास थे। भाजपा से मिले वित्त विभाग का मंत्री जदयू के बिजेंद्र प्रसाद यादव को बनाया गया है।पिछले मंत्रिमंडल में सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग के मंत्री निर्दलीय सुमित कुमार के पास था। वह चुनाव हार गए। भाजपा की श्रेयसी सिंह को इस विभाग का मंत्री बनाया गया है।
विभागों की अदला-बदली से हुई देरी
बताया जा रहा है कि विभागों की अदला बदली के कारण ही इसके वितरण में देरी हुई। आम तौर पर शपथ ग्रहण के दिन ही विभागों का बंटवारा हो जाता है।
लेकिन, इसबार 30 घंटे की देरी हुई। इसके अलावा सहयोगी दलों की मांग को स्वीकार करने में भी भाजपा को समय लगा।
लोजपारा की किसी बड़े विभाग की मांग थी। वह अपने विधायक संजय कुमार सिंह के लिए नगर विकास विभाग चाह रही थी। सिंह पेशे से बिल्डर भी हैं।
यह भी पढ़ें- शाहनवाज हुसैन, समीर महासेठ और नीतीश मिश्रा; क्या बिहार के नए उद्योग मंत्री बच पाएंगे उस बैड लक से?
यह भी पढ़ें- सम्राट को मिली गृह मंत्रालय की कमान, बिहार कैबिनेट में किसे मिला कौन सा विभाग; यहां पढ़ें पूरी लिस्ट
यह भी पढ़ें- Nitish Kumar: गृह मंत्रालय नहीं, तो क्या होगा उनके जिम्मे? किन सात मंत्रियों को दो-दो विभाग
BJP ने चिराग को नगर विकास देने से किया मना
भाजपा ने नगर विकास विभाग देने से साफ मना कर दिया। इसके बदले उन्हें पीएचइडी दिया गया। इस विभाग का सालाना बजट करीब 27 सौ करोड़ है।
भाजपा ने रालोमो को महत्वपूर्ण पंचायती राज विभाग दिया है। वैसे, कम बजट के बावजूद गन्ना उद्योग विभाग की महत्ता बढ़ने वाली है। एनडीए के घोषणा पत्र में इस उद्योग को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।