बिहार में होंगी 69000 से ज्यादा सरकारी भर्तियां, महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजना शुरू
बिहार में नीतीश कुमार सरकार हर हाथ को रोजगार के संकल्प पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 10000 रुपये की पहली किस्त दी जा रही है सफल संचालन पर 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता मिलेगी। सरकार का लक्ष्य 2025 से 2030 के बीच एक करोड़ युवाओं को रोजगार और 12 लाख सरकारी नौकरियां देना है।

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार लगातार “हर हाथ को रोजगार” और रिक्त पड़े पदों पर सरकारी नौकरियां देने के संकल्प पर काम कर रही है। चाहे स्वरोजगार हो या सरकारी नौकरी, नीतीश सरकार ने युवाओं और महिलाओं दोनों के लिए व्यापक अवसरों का द्वार खोला है। इसी कड़ी में हाल ही में “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत हर परिवार की एक महिला को स्वरोजगार शुरू करने के लिए 10,000 रुपये की पहली किस्त सीधे बैंक खाते में दी जा रही है। छह महीने तक सफल संचालन के बाद इसी महिला को 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी मिलेगी। इस योजना का लक्ष्य है कि महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें, बल्कि खुद का उद्यम स्थापित कर परिवार और समाज की आर्थिक स्थिति को सशक्त करना है।
महिला सशक्तिकरण का नया मॉडल
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से होगी, ताकि सभी वर्ग की महिलाएं इसमें भाग ले सकें। आवेदक महिला का बिहार की स्थायी निवासी होना, 18 वर्ष से अधिक आयु की होना और जीविका समूह से जुड़ा होना अनिवार्य है।
इस योजना से महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठेगा। घर-परिवार की आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी और ग्रामीण व शहरी अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी और बढ़ेगी।
सरकारी नौकरियों के अवसर भी समानांतर
महिला स्वरोजगार योजना के साथ ही सरकार ने बड़े पैमाने पर सरकारी भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की है। इस समय बिहार के विभिन्न विभागों में 69,430 पदों पर भर्तियां जारी हैं। इनमें पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य, नगर विकास एवं आवास, बिजली विभाग, कृषि और पंचायत विभाग शामिल हैं।
नगर विकास एवं आवास विभाग में 250 से अधिक पदों पर भर्ती होगी, जिनमें विधि सहायक और योजना पदाधिकारी के 62 पद विशेष महत्व रखते हैं।
शिक्षा विभाग में 935 शिक्षक और AEDO के पद खाली किए गए हैं।
पुलिस विभाग में कांस्टेबल और सब-इंस्पेक्टर की भर्ती जारी है।
स्वास्थ्य और अन्य विभागों में भी हज़ारों पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू है।
सरकार का दीर्घकालिक लक्ष्य है कि 2025 से 2030 के बीच एक करोड़ युवाओं को रोजगार और 12 लाख सरकारी नौकरियां दी जाएं।
नीतीश सरकार का विज़न
इन पहलों से साफ झलकता है कि नीतीश सरकार केवल स्वरोजगार पर ही नहीं, बल्कि स्थायी सरकारी नौकरियों पर भी बराबर ध्यान दे रही है। एक ओर महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और उद्यमिता की ओर प्रेरित किया जा रहा है, तो दूसरी ओर युवाओं को सरकारी सेवाओं और नौकरियों का अवसर मिल रहा है।
सरकार ने यह भी चेतावनी दी है कि आवेदन और पैसे के नाम पर किसी भी तरह के फर्जीवाड़े से सावधान रहें और केवल अधिकृत पोर्टल और समूहों के माध्यम से ही प्रक्रिया पूरी करें।
निष्कर्ष
बिहार में रोजगार सृजन की यह दोहरी रणनीति—महिला स्वरोजगार को बढ़ावा देना और सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर भर्ती—राज्य की अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखती है।
“हर हाथ को रोजगार” का यह संकल्प न केवल आज की ज़रूरत है, बल्कि आने वाले वर्षों में बिहार को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस पहल भी है।
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