बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार का एक और तोहफा, स्वास्थ्य कर्मियों का बढ़ा मानदेय
बिहार सरकार ने विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों के मानदेय में 11 हजार से 21 हजार रुपये की वृद्धि की है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है जो 1 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा। इस निर्णय से कई कर्मचारी लाभान्वित होंगे।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले राज्य सरकार ने विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बड़ा निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य विभाग के एक प्रस्ताव के बाद सरकार ने विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में संविदा पर कार्यरत कर्मियों के मानदेय में 11 हजार से 21 हजार रुपये की वृद्धि कर दी है।
बढ़ा हुआ मानदेय पहली सितंबर 2025 से प्रभावी होगा। इस आदेश से करीब 300 से अधिक कर्मी लाभांवित होंगे।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया आदेश
स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि कर्मियों के मानदेय का निर्धारण मूल वेतन, महंगाई भत्ता और अन्य भत्तों के आधार पर किया जाता है। इसी आलोक में नए मानदेय का नए सिरे से निर्धारण किया गया है।
आदेश के अनुसार प्रयोगशाला प्रावैधिक और एक्स-रे टेक्नीशियन का मानदेय 37 हजार से बढ़ाकर 48 हजार रुपये किया गया है।
वरीय रेडियोग्राफर का मानदेय 37 हजार से बढ़ाकर 58 हजार, जनसंपर्क पदाधिकारी व लाइब्रेरियन का वेतन 43 हजार से 58 हजार, ओटी सहायक का 32 हजार से बढ़ाकर 48 हजार, बुनियादी स्वास्थ्य कार्यकर्ता, ड्रेसर और एक्स-रे मैकेनिक का 25 हजार से 32 हजार, ईसीजी, ईएमजी, होल्टर, डायलेसिस, ईईजी, इको टेक्नीशियन और फर्मासिस्ट का मानदेय 37 हजार से बढ़कर 48 हजार रुपये किया गया है।
इसी प्रकार दंत स्वास्थ्य विज्ञानी, फोटोग्राफर, प्रोग्रामर, डेंटल मैकेनिक, सहायक लाइब्रेरियन, प्राचार्य के सचिव, स्वागती, एसी टेक्नीशियन, डेंटल टेक्नीशियन और शारीरिक निदेशक का मानदेय 32 हजार से बढ़ाकर 42 हजार रुपये किया गया है।
साथ ही डार्क रूम सहायक को 32 हजार, हाल अटेंडेंट और परिचारी को 29 हजार तथा टीएमटी टेक्नीशियन को अब 48 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
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