Bihar Politics: तेजस्वी पर भड़के लालू के करीबी RJD नेता, किसे बता दिया धृतराष्ट्र?
बिहार की राजनीति में RJD नेता तेजस्वी यादव को लेकर पार्टी के अंदर असंतोष देखने को मिल रहा है। लालू प्रसाद यादव के करीबी एक नेता ने तेजस्वी पर जमकर हमला बोला। नेता ने कहा कि लालू प्रसाद पुत्र मोह में अंधे हो गए हैं।

तेजस्वी यादव व लालू यादव। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, पटना। राजद के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को जिम्मेवार ठहराया है।
उन्होंने रविवार को कहा कि तेजस्वी ने उनकी सलाह पर संघर्ष नहीं किया। क्योंकि उस समय वे सपनों की दुनिया में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे।
मेरी बात तेजस्वी को बुरी लगी
मैंने कहा था कि मतदाता सूची में पुनरीक्षण लोकतंत्र के विरूद्ध साजिश है। तेजस्वी को राहुल गांधी के साथ मिलकर संघर्ष करना चाहिए। लाठी खानी चाहिए और जेल जाना चाहिए।
तेजस्वी को बुरा लगा। क्योंकि मैं उनके सपने में विघ्न डाल रहा था। तेजस्वी ने मुझे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से हटाया। कार्यकारिणी में भी जगह नहीं दी।
धृतराष्ट्र की तरह राज सिंहासन गर्म कर रहे थे लालू
उन्होंने कहा-लालू यादव (Lalu Yadav) धृतराष्ट्र की तरह बेटे के लिए राज सिंहासन को गर्म कर रहे थे। लालू प्रसाद के बहुत पुराने मित्र शिवानंद ने जेपी आंदोलन से जुड़े एक संस्मरण को साझा किया।
उन्होंने कहा-बिहार में आंदोलन के दौरान लालू यादव और मैं फुलवारी शरीफ़ जेल के एक ही कमरे में बंद थे। लालू उस आंदोलन का बड़ा चेहरा थे, लेकिन उनकी आकांक्षा बहुत छोटी थी।
रात में भोजन के बाद सोने के लिए जब हम अपनी अपनी चौकी पर लेटे थे तब लालू यादव ने अपने भविष्य के सपने को मुझसे साझा किया था।
ऊपर वाले ने सुन ली बात
लालू ने मु्झसे कहा कि ''बाबा, मैं राम लखन सिंह यादव (उस समय के कांग्रेस के बड़े नेता) जैसा नेता बनना चाहता हूं। लगता है कि कभी कभी-ऊपर वाला शायद सुन लेता है।
आज दिखाई दे रहा है कि उनकी वह इच्छा पूरी हो गई है। संपूर्ण परिवार ने ज़ोर लगाया. उनकी पार्टी के मात्र पच्चीस विधायक ही जीते।
लालू परिवार में घमासान के बीच पार्टी में भी विद्रोह के सुर सुनाई देने लगे हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।