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    'असमय उनकी मृत्यु हो गई और फिर...', नीतीश को BJP के पार्टनर की सलाह; जदयू नेताओं को चुभेगी ये बात!

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 07:25 PM (IST)

    राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में परिसीमन सुधार महारैली आयोजित की। उन्होंने परिसीमन को एक महत्वपूर्ण मुद्दा बताते हुए कहा कि इससे बिहार को नुकसान हुआ है। उन्होंने 2026 के परिसीमन में आबादी आधारित सीट निर्धारण की मांग की ताकि बिहार को 40 के बजाय 60 लोकसभा सीटें मिलें। कुशवाहा ने शिक्षा सुधार और राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी बात रखी।

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    समय रहते उत्तराधिकारी घोषित करे जदयू नहीं तो हाल शोसपा जैसा : उपेंद्र कुशवाहा

    जागरण संवादाता, पटना। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को पटना के मिलर हाइस्कूल मैदान में आयोजित “संवैधानिक अधिकार-परिसीमन सुधार महारैली” में परिसीमन सुधार का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया। हजारों समर्थकों की मौजूदगी में दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ।

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    इस दौरान उन्होंने कहा कि सभा स्थल के पीछे पार्टी कार्यालय (जदयू) है, समय रहते अगर उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया तो इनका हाल भी जगदेव प्रसाद की पार्टी शोषित समाज पार्टी (शोसपा) जैसी हो जाएगी। जगदेव प्रसाद ने अपने रहते किसी उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की। असमय उनकी मृत्यु हो गई और फिर पार्टी की स्थिति आज आप सभी जानते हैं।

    उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह रैली शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई है और इसका आगामी विधानसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

    उन्होंने कहा, यदि शक्ति प्रदर्शन की जरूरत होती, तो गांधी मैदान छोटा पड़ जाता। मेरे सम्मान की रक्षा बिहार की जनता स्वयं करती है।” उन्होंने जगदेव बाबू की हत्या के बाद उनकी विरासत को शोषित समाज के किसी योग्य व्यक्ति द्वारा आगे बढ़ाने की बात कही।

    उन्होंने बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए 25 सूत्री मांगों का जिक्र किया, जिनमें से अधिकांश पूरी हो चुकी हैं। वाल्मिकीनगर मंथन शिविर की 14 मांगों में से चार, जैसे स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की राशि 4 से 10 लाख और जातीय जनगणना, पूरी हुईं। शिक्षा सुधार का अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक बच्चे शिक्षक बनने की इच्छा न जताएं।

    कुशवाहा ने परिसीमन को प्रमुख मुद्दा बताते हुए कहा कि 1976 में इंदिरा गांधी द्वारा इसे 25 साल के लिए फ्रीज करने से बिहार को नुकसान हुआ। आज दक्षिण भारत में 21 लाख की आबादी पर एक लोकसभा सीट है, जबकि उत्तर भारत में 31 लाख पर। इससे बिहार का संसदीय प्रतिनिधित्व कम हुआ है। उन्होंने 2026 के परिसीमन में आबादी आधारित सीट निर्धारण की मांग की, ताकि बिहार को 40 के बजाय 60 लोकसभा सीटें मिलें।

    उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले दिनों तेजस्वी यादव के प्रसारित एक वीडियो पर कहा कि गंगा किनारे डांस करने से कोई मुख्यमंत्री नहीं बनता। सार्वजनिक जीवन में छवि बनानी पड़ती है।

    रैली को राष्ट्रीय महासचिव माधव आनंद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रणविजय सिंह, रेखा गुप्ता, महासचिव रामपुकार सिंह ने संबोधित किया। रैली की अध्यक्षता कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी ने की, मंच संचालन आलोक कुमार सिंह, प्रशांत पंकज और कपिल कुमार ने किया।

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