Bihar Chunav: छठ के दौरान ट्रेनों में भीड़ पर राजनीति, लालू के बाद राहुल गांधी ने उठाए सवाल
छठ पर्व के दौरान ट्रेनों में भारी भीड़ को लेकर बिहार की राजनीति गरमा गई है। राहुल गांधी और लालू प्रसाद यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए ट्रेनों की बदइंतजामी और बिहार के लोगों के पलायन पर सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने 12,000 स्पेशल ट्रेनों के दावे पर प्रश्न किया, वहीं लालू ने एनडीए सरकार को बिहार विरोधी बताया।

लालू के बाद राहुल गांधी ने उठाए सवाल
राज्य ब्यूरो, पटना। आस्था के महापर्व छठ के दौरान ट्रेनों में खचाखच भीड़ और बदइंतजामी को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर है। एक ओर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी तो दूसरी ओर राजद पूर्व लालू प्रसाद ने ट्रेनों में अव्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार की निंदा की है।
नहाय खान के दिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि त्योहारों का महीना है। दिवाली, भाईदूज, छठ। बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है। मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन। लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है। बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है, और सफर अमानवीय हो गया है। कई ट्रेनों में क्षमता से 200 गुना तक यात्री सवार हैं। लोग दरवाज़ों और छतों तक लटके हैं।
राहुल ने लिखा कि कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें ?
क्यों हालात हर साल और बदतर ही होते जाते हैं। क्यों बिहार के लोग हर साल ऐसे अपमानजनक हालात में घर लौटने को मजबूर हैं? अगर राज्य में रोजग़ार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो उन्हें हजारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता। यह सिर्फ मजबूर यात्री नहीं, एनडीए की धोखेबाज नीतियों और नियत का जीता-जागता सबूत हैं। यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो यह अधिकार है, कोई एहसान नहीं।
इससे पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने पोस्ट डाल कर कहा कि झूठ के बेताज बादशाह और जुमलों के सरदार ने शेखी बघारते हुए कहा था कि देश की कुल 13198 ट्रेनों में से 12 रेलगाडिय़ां छठ पर्व के अवसर पर बिहार के लिए चलाई जायेंगी। यह भी सफेद झूठ निकला।
20 सालों की एनडीए सरकार में पलायन का दंश झेल रहे बिहारियों के लिए लोक आस्था के महापर्व छठ पर भी ये लोग रेलगाडिय़ां ढंग से नहीं चलवा सकते। मेरे बिहारवासियों को अमानवीय तरीके से ट्रेनों में सफर करना पड़ रहा है। कितना शर्मनाक है? डबल इंजन सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रतिवर्ष बिहार के चार करोड़ से अधिक लोग काम के लिए अन्य राज्यों में पलायन करते है। यूपीए सरकार के बाद से एनडीए सरकार ने बिहार में कोई बड़ा उद्योग नहीं लगाया। ये लोग बिहार विरोधी है।

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