Tax Calculator: इस साल कितना टैक्स लगेगा, कितने की होगी बचत? टैक्स कैलकुलेटर से लगाएं हिसाब
आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स कैलकुलेटर जारी किया है। अब आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि चालू वित्तीय वर्ष में आपका कितना टैक्स लगेगा और कितनी बचत होगी। कैलकुलेटर से आप यह भी पता लगा सकते हैं कि आपके लिए न्यू टैक्स रिजीम बेहतर है या ओल्ड टैक्स रिजीम। आयकरदाता आयकर विभाग की अधिकारिक वेबसाइट पर इसे देख सकते हैं।

जागरण संवाददाता, पटना। चालू वित्तीय वर्ष में आपका कितना टैक्स लगेगा, कितने की बचत होगी। इसकी गणना अब आसानी से आयकरदाता कर सकते हैं। इसके लिए आयकर विभाग ने आयकरदाताओं की राहत के लिए टैक्स कैलकुलेटर (Tax Calculator) जारी किया है।
आयकरदाता आयकर विभाग की अधिकारिक वेबसाइट (https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/) पर इसे देख सकते हैं। इससे लोगों को काफी सहूलियत होगी। इसमें आयकरदाताओं को आकलन वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए न्यू टैक्स रिजीम या ओल्ड टैक्स रिजीम में कौन बेहतर होगा इसका आकलन कर सकते हैं।
इससे उसके अनुसार सैलरी से अपना बचा हुआ आयकर कटवा सकते हैं। इसकी मदद से चाहे तो आय, डिडक्शन की सूचना देकर आप पुराने एवं नए टैक्स रिजीम के अनुसार अपनी आयकर स्थिति को देख सकते हैं।
ऐसे कार्य करता है कैलकुलेटर
सीए आशीष रोहतगी एवं सीए रश्मि गुप्ता ने बताया कि आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर आप टैक्स कैलकुलेटर को सर्च कर सकते हैं। यहां आने के बाद आप अपनी आवासीय जानकारी का चयन करें। इसके बाद आप अपनी टैक्सेबल आय को वहां दर्ज करें। इसके बाद टूल आपको वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 का तुलनात्मक जानकारी दे देगा।
आवश्यक जानकारी
- एक अप्रैल 2025 से बेसिक छूट लिमिट तीन लाख रुपये से बढ़कर चार लाख रुपये हो जाएगी।
- वर्तमान समय में सात लाख रुपये के आय वाले व्यक्ति धारा 87ए के तहत 25 हजार रुपये की आयकर छूट प्राप्त करते हैं। इसे वर्ष 2025-26 से बढ़ाकर 60 हजार रुपये कर दिया गया है। हालांकि, सैलरी वाले आयकरदाता 75 हजार रुपये तक स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
- सैलरी आय में से लीव ट्रेवल एलाउंस के मद के साथ-साथ 80सीसीडी दो के तहत टीयर वन एनपीएस अकाउंट में भी क्लेम कर सकते है। यह कटौती वर्ष 2024-25 में होगी।
केंद्र सरकार का जताया आभार
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश कोषाध्यक्ष प्रिंस कुमार राजू ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती के फैसले का स्वागत किया है। कहा कि इसे व्यापार और उपभोक्ताओं के लिए उधारी लागत को कम करने में मदद मिलेगी। इससे विकास कार्य में बढ़ोत्तरी होगी।
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025 के लिए महंगाई दर 4.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026 के लिए 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, इससे आर्थिक विकास और मूल्य स्थिरता के बीच संतुलन सुनिश्चित होगा।
वहीं, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राम लाल खेतान ने कहा कि आरबीआई के इस फैसले से होम और बिजनेस लोन की ईएमआई कम होने से लोगों को वित्तीय राहत मिलेगी। उनके खर्च योग्य आय (डिस्पोजेबल इनकम) बढ़ेगी और उपभोक्ता खर्च में वृद्धि होगी। इसके परिणामस्वरूप, बाजार में पूंजी प्रवाह (लिक्विडिटी) बढ़ेगा, जिससे व्यावसायिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
बीआईए उपाध्यक्ष सीए आशीष रोहतगी ने कहा कि आगामी बजट में आयकर छूट की सीमा 12 लाख तक बढ़ाई जाने की घोषणा से आम जनता की बचत में वृद्धि होगी। यह अतिरिक्त बचत उपभोक्ता खर्च, बाजार में मांग और तरलता को बढ़ाएगी, जिससे आर्थिक विकास को मजबूती मिलेगी और बाजार में उछाल आने की संभावना बनेगी।
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