Chhath Puja 2022: औषधीय गुणों से भरपूर है छठ का प्रसाद, इन फलों से मजबूत होती है इम्यूनिटी
Chhath Puja 2022 महा पर्व छठ पूजा के प्रसाद के रूप में जिन फलों को शामिल किया जाता है। सभी फलों के अपने औषधीय गुण हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। आइए जानते हैं किस फल से हमें क्या लाभ मिलता है।

जागरण संवाददाता, पटना। छठ पर सूर्य की उपासना करते समय लोग सूप में कई तरह के फल और घर में तैयार किया गया प्रसाद रखते हैं। आयुर्वेद में छठ के प्रसाद में चढ़ाई जाने वाली चीजों का संबंध मौसम परिवर्तन से होने वाली बीमारियों के बचाव से है। आयुर्वेद में अच्छे स्वास्थ्य के लिए छ: रस (मधुर, अम्ल, लवण, कटु, तीखा (तिक्त) एवं कसैला (कषाय) के सेवन का उल्लेख है। अर्थात इस पूजा में चढ़ने वाले सभी फलों में उक्त रस मिलते हैं, जो हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक हैं। छठ का प्रसाद औषधीय गुणों से भरपूर हैं और ये इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं।
प्रसाद में कौन-कौन तत्व
गन्ना–गन्ने में कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और मैग्नेशियम आदि पाए जाते हैं। पटना आयुर्वेद कालेज के मेडिसीन विभाग के रिसर्च स्कालर सुशील कुमार झा ने कहा कि इसके मधुर रस से पित्त का शमन होता है । यह पाचनतंत्र ठीक रखने के साथ-साथ पेट में संक्रमण होने से भी बचाता है। यह वजन कम करने में भी मदद करता है।
सिंघाड़ा–इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी, मैंगनीज, कर्बोहाईड्रेट, सिट्रिक एसिड, एमिलोज, फास्फोराइलेज, प्रोटीन, फैट और निकोटेनिक एसिड जैसे कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। सिंघाड़ा अस्थमा के मरीजों के लिए एक लाभदायक औषधि है। इसके मधुर रस से वात विकार (वायु संबंधी रोग) दूर होता है।
संतरा व आंवला–ये दोनों अम्ल प्रधान फल हैं, जो पाचन क्रिया में सहायक होते हैं। संधिकाल में यह तमाम बीमारियों को नियंत्रित करने का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त यह रक्तदोष तथा दर्द को कम करने में सहायक होते हैं।
केला-छठी मैया को फलों में केला बेहद पसंद है। केला विष्णु भगवान का भी प्रिय फल है। सुशील कुमार झा ने कहा कि आयुर्वेद के अनुसार केले के सेवन से शरीर में आयरन की कमी कम होती है। इससे एनीमिया की समस्या में भी सुधार होता है। केला कब्ज की परेशानी से भी राहत देता है।
नारियल-छठ पूजा में नारियल का बड़ा महत्व है क्योंकि नारियल को लक्ष्मी माता का स्वरूप माना जाता है। नारियल गर्मियों में नकसीर (नाक से खून आना) की समस्या को दूर करता है। इसके सेवन से स्कीन एलर्जी, मुंहासे दूर होते हैं। यह पेट के कीड़े मारने का काम करता है। साथ ही शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने का भी काम करता है।
चकोतरा- चकोतरा का स्वाद खाने में खट्टा-मीठा होता है। मान्यता अनुसार यह छठ मैया का प्रिय फल है। यह फल विटमिन-सी से भरपूर होता है, जिस कारण यह तमाम तरह के संक्रमण से शरीर को बचाता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को भी बेहतर करता है।
सुपारी- सुपारी को बेहद शुभ माना जाता है और छठ के साथ ही हर पूजा में इसका उपयोग होता है । सुशील कुमार झा ने कहा कि आयुर्वेद में कई रोगों के उपचार के लिए सुपारी का उपयोग होता है। इसका उपयोग एनीमिया, पाचन, कब्ज, दांत संबंधित समस्याओं और दर्द से राहत पाने के लिए किया जाता है।
अदरक–अदरक खांसी, जुकाम और श्वास संबंधी रोगों के लिए रामबाण औषधि है। यह पेट की बीमारियों को ठीक करता है। यह जोड़ों के दर्द और गठिया में लाभ पहुंचाता है।
मूली–मूली में फॉलिक एसिड, विटामिन- सी और एंथोकाइनिन जैसे गुण पाए जाते हैं। ये डायबिटिज को ठीक करने में मदद करता है। मूली का तीखा रस सर्दी-जुकाम के प्रभाव को कम करता है।
ठेकुआ-आटे, गुड़ और घी से बना ठेकुआ सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके सेवन से सर्दियों में होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है। आटे, गुड़ और घी से तैयार होने के कारण ठेकुआ इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करता हैं। यह सर्दी-जुकाम और ठंड से भी शरीर की रक्षा करता है।
चावल के लड्डू-चावल शरीर को हाइड्रेट रखता है। सुशील कुमार झा ने कहा कि आयुर्वेदिक के अनुसार, चावल तत्काल ऊर्जा प्राप्त करने, बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करने और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का काम करता है। इसके सेवन से पीलिया, बवासीर, उल्टी और दस्त जैसे कई रोगों को कम किया जा सकता है। चावल पचने में आसान होता है। यह पेट को ठंडा रखता है। इसलिए छठ के अवसर पर चावल से बने लड्डू को स्वास्थ्य वर्धक माना जाता है।
कच्ची हल्दी–हल्दी औषधीय गुणों की खान है। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। आयुर्वेद में हल्दी को रक्त शोधन के लिए महत्वपूर्ण औषधि बताया गया है। हल्दी में तीखा व कसैला मिश्रण होता है, जिसके सेवन से रक्त शोधित होता है

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