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    छठ घाटों पर पहला कदम ही डुबोएगा गहरे पानी में, कीचड़-नुकीले पत्थरों से व्रतियों की मुसीबत

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 06:00 AM (IST)

    पटना के छठ घाटों पर तैयारियां अधूरी हैं। दीघा घाट के पास पहलेजा घाट पर कीचड़ और गहरे पानी की समस्या है, जिससे व्रतियों को परेशानी हो रही है। बैरिकेडिंग के बावजूद पानी में अचानक गहराई का खतरा बना हुआ है। 93 नंबर गेट घाट पर भी मिट्टी डालने का काम चल रहा है, जबकि 92 नंबर गेट पर सड़क का निर्माण अधूरा है, जिससे श्रद्धालुओं को उबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरना पड़ रहा है।

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    छठ घाटों पर पहला कदम ही डुबोएगा गहरे पानी में

    पवन कुमार मिश्र, पटना। लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर राजधानी के प्रमुख घाटों पर तैयारियों का दावा भले ही किया जा रहा हो, लेकिन धरातल पर अब भी कई बड़ी खामियां हैं। सबसे बड़े दीघा घाट से थोड़ा सा आगे जहां से पर्यटन विभाग ने नौकायान कराती है, उसे सटे पहलेजा घाट पर भी अर्घ्यदान की व्यवस्था की गई है। 

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    यहां जेनरेटर, पार्किंग, निजी सुरक्षाकर्मी सब तैनात हैं, लेकिन घाट पर कीचड़ की भरमार है। खैर यहां बालू की बोरियां रखी हैं शुक्रवार को कुछ हद तक यह काम हो जाएगा, लेकिन बड़ी मुसीबत पानी में प्रवेश करने के साथ शुरू होती है। 

    पहला कदम बढ़ाते ही व्यक्ति अचानक दो फीट गहराई में गिर जाता है, जबकि आगे बैरिकेडिंग देखकर आमजन को आशा होती है कि बैरिकेडिंग तक कम से कम अचानक गहराई में पहुंचने का खतरा नहीं होगा। 

    बांस तो गाड़ दिए हैं, लेकिन इस पर ध्यान नहीं 

    घाट पर स्नान कर रहे लोगों व स्थानीय नाविकों ने बताया कि यह समस्या सिर्फ इसी घाट की नहीं है, आसपास के सभी घाटों पर है। बैरिकेडिंग करने वालों ने बांस तो गाड़ दिए हैं, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया है कि पानी के अंदर वहां तक का रास्ता समतल हो और अचानक गहराई में पैर जाने से महिला व बुजुर्ग व्रती किसी हादसे के शिकार नहीं हों। 

    घाटों पर स्नान के लिए उतरते ही श्रद्धालु अचानक कमर तक पानी में पहुंच जा रहे हैं। इससे जवान तक घबरा रहे हैं।

    स्थानीय लोगों के अनुसार यहां भी वाहन पार्किंग की व्यवस्था की गई है। घाट के बड़े हिस्से में कीचड़ है और इसकी तुलना में बहुत कम बालू की बोरियां मंगवाई गई हैं। ऐसे में घाट का एक बड़ा हिस्सा कीचड़ भरा रह सकता है। 

    ऐसे में असमतल व फिसलन भरा घाट का रास्ता बड़ी परेशानी बन सकता है। घाट का निरीक्षण करने गए अधिकारी भी गंगा के पास जाने के प्रयास में यहां गिर चुके हैं।

    गेट नंबर 92 का रास्ता नंगे पैर जाने वाले श्रद्धालुओं को पड़ेगा भारी

    राजधानी के प्रमुख घाटों में शामिल 93 नंबर गेट घाट की स्थिति भी कुछ खास बेहतर नहीं है। गुरुवार को यहां बुलडोजर से मिट्टी डालकर घाट को समतल करने का काम शुरू किया गया। साथ ही सफाई शुरू हुई है। 

    स्थानीय लोगों के मुताबिक यह कार्य आज से ही प्रारंभ हुआ है, जबकि छठ पर्व में अब बहुत कम समय शेष है। वहीं गेट नंबर 92 पर भी निर्माण कार्य अधूरा है। यहां गत वित्तीय वर्ष में आरसीसी सड़क बननी थी, लेकिन अब तक पूरी तरह तैयार नहीं हो पाई है। 

    बीच में सपोर्ट देने के लिए बनाए गए पिलर ने सड़क को दो हिस्सों में बांट दिया है। साथ ही पूरे रास्ते में नुकीले पत्थर हैं जिससे श्रद्धालुओं के लिए चलना कठिन होगा। पूरी सड़क उबड़-खाबड़ है। 

    स्थानीय निवासियों ने बताया कि गुरुवार को कुछ मजदूर काम करने आए थे, पर एक ही दिन में इतनी बड़ी सड़क को समतल और आरसीसी ढालना असंभव है। घाटों को तैयार कर रहे अधिकारी प्रमंडलीय आयुक्त, डीएम व नगर आयुक्त को निरीक्षण के क्रम में ऐसी जगह ले जाने से परहेज करते हैं।