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    छठ के दौरान ट्रेनों में भीड़ पर गरमाई सियासत, लालू से लेकर राहुल तक...विपक्ष ने सरकार को घेरा

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 08:21 PM (IST)

    छठ पर्व के दौरान ट्रेनों में भारी भीड़ और अव्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है। लालू प्रसाद यादव और राहुल गांधी ने ट्रेनों की हालत पर चिंता जताई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार ने कम ट्रेनें चलाईं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हुई और वे टॉयलेट में सोने को मजबूर हो गए। विपक्ष ने इसे आस्था का अपमान बताया है।

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    विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला

    राज्य ब्यूरो, पटना। आस्था के महापर्व छठ के दौरान ट्रेनों में खचाखच भीड़ और बदइंतजामी को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर है। एक ओर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी तो दूसरी ओर राजद पूर्व लालू प्रसाद ने ट्रेनों में अव्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार की निंदा की है।

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    इन नेताओं के अलावा दिल्ली में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डा. अखिलेश प्रसाद सिंह और बिहार कांग्रेस समन्वयक व महासचिव अविनाश पांडेय ने अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को घेरा।

    सबसे पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने एक्स पर पोस्ट डाल कर कहा कि झूठ के बेताज बादशाह और जुमलों के सरदार ने शेखी बघारते हुए कहा था कि देश की कुल 13198 ट्रेनों में से 12 हजार रेलगाडियां छठ पर्व के अवसर पर बिहार के लिए चलाई जाएंगी। यह भी सफेद झूठ निकला।

    उन्होंने लिखा कि 20 सालों की एनडीए सरकार में पलायन का दंश झेल रहे बिहारियों के लिए लोक आस्था के महापर्व छठ पर भी ये लोग रेलगाडियां ढंग से नहीं चलवा सकते। मेरे बिहारवासियों को अमानवीय तरीके से ट्रेनों में सफर करना पड़ रहा है। कितना शर्मनाक है?

    लालू प्रसाद के बाद राहुल गांधी ने भी एक पोस्ट किया और कहा कि त्योहारों का महीना है। दिवाली, भाईदूज, छठ। बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है। मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन, लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है। बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है, और सफर अमानवीय हो गया है। कई ट्रेनों में क्षमता से 200 गुना तक यात्री सवार हैं। लोग दरवाज़ों और छतों तक लटके हैं।

    मीडिया के सामने सरकार पर हमला

    इधर डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि छठ के लिए पहले प्रधानमंत्री और रेल मंत्री ने 12,000 ट्रेनें चलाने की घोषणा की थी। लेकिन केवल 1,500 ट्रेनें ही चलीं।

    इन ट्रेनों से केवल 19.20 लाख यात्रियों को सुविधा मिली, जबकि एक करोड़ 53 लाख 60 हजार यात्रियों को लाने-ले जाने का वादा किया गया था। कम ट्रेन चलने के कारण लोगों ने यात्रा के दौरान परेशानियां झेलीं और टायलेट में बैठकर सफर करने को मजबूर हुए। उन्होंने इसे छठ मैया और लोक आस्था के साथ खिलवाड़ बताया।

    इधर कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडेय ने सदाकत आश्रम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि देश के कोने-कोने से बिहार लौट रहे लाखों श्रद्धालु आज रेल की टायलेट में सोने को मजबूर हैं। यह दृश्य न केवल मानवता को तार-तार करता है, बल्कि बिहार की लोक-आस्था के साथ निर्मम कुठाराघात भी है।

    उन्होंने कहा कि भाजपा-जदयू सरकार ने बिहार के करोड़ों लोगों को पहले तो पलायन के लिए मजबूर किया और आज जब वे अपनी पूरी आस्था के साथ घर लौट रहे हैं, तब केंद्र सरकार ने छठ पूजा जैसे महापर्व के दौरान बिहार की गरिमा और श्रद्धा को अपमानित किया है।