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    वोटिंग से पहले जीते चिराग पासवान! NDA में 29 सीटों के सियासी मायनों की Inside Story

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 11:02 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) में चिराग पासवान की पार्टी एलजेपीआर 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में चिराग का प्रदर्शन अच्छा रहा था। रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग ने पार्टी का नेतृत्व संभाला। विधानसभा चुनाव में उनका प्रदर्शन उनकी राजनीतिक भविष्य तय करेगा। 14 नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित होंगे।

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    चिराग पासवान की पार्टी को मिली 29 सीटें। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। पहले चरण के चुनाव के लिए विभिन्न पार्टियों के प्रत्याशियों ने नामांकन भी दर्ज करा लिया है। इस बार के विधानसभा चुनाव में LJPR का नेतृत्व कर रहे चिराग पासवान की खूब चर्चा है। सियासी जानकारों का कहना है कि यह विधानसभा चुनाव उनकी भी एक अलग परीक्षा है।

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    रामविलास पासवान का 2020 में जब निधन हुआ, तो लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) दोराहे पर खड़ी दिख रही थी। तब उनके बेटे चिराग पासवान ने पार्टी का नेतृत्व संभाला।

    केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विश्वसनीयता बढ़ाई और एनडीए के भीतर अपनी मजबूत पकड़ बनाई। अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह इस बार के विधानसभा चुनाव में किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं।

    लोकसभा चुनाव में 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट

    2024 के लोकसभा चुनावों में चिराग पासवान के चुनावी प्रदर्शन ने एनडीए में उनकी स्थिति को और मजबूत किया। लोजपा (रालोद) ने बिहार में पांच सीटों पर चुनाव लड़ा और पांचों पर जीत हासिल की, जिससे उसकी सफलता दर 100% रही। पार्टी ने राज्यों में लगभग 6% वोट शेयर भी हासिल किया, जिससे यह साबित होता है कि चिराग राजनीति की लंबी पारी खेलने वाले हैं।

    विधानसभा चुनाव से पहले नाराजगी

    अपने आप को पीएम मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान विधानसभा चुनाव के पहले कई बार नीतीश सरकार को घेरा था। वह उस समय बिहार सरकार से नाराज चल रहे थे। गोपाल खेमका हत्याकांड सहित कई हत्याओं पर खुले मंच से चिराग ने बिहार में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया।

    बिहार फर्स्ट, बिहार फर्स्ट का एजेंडा

    बिहार में अपराध पर सवाल उठाने के साथ-साथ चिराग ने कई मंचो से 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' के एजेंडे को आगे किया। वह हमेशा से कहते रहे कि बिहार में बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट का एजेंड हमेशा से कायम है और कायम रहेगा। उनकी पार्टी इस एजेंडे पर काम करती रहेगी। अपने अलग अलग बयानों से वह सुर्खियां बटोरते रहे।

    विधानसभा चुनाव लड़ने की उठी थी मांग

    बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले चिराग ने विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही थी। तब पार्टी के कार्यकर्ताओं के द्वारा भी यह मांग उठी थी। एसी अटकलें लगाई जा रही थी कि चिराग लोकसभा से इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। तब चिराग पासवान ने बयान दिया कि अगर कार्यकर्ता और पार्टी चाहेगी तो मैं विधानसभा चुनाव लड़ूंगा। हालांकि, अब तक की जानकारी के अनुसार अभी उनके चुनाव लड़ने को लेकर कोई अपडेट नहीं है।

    एनडीए में 29 सीटें लेकर दिखाया दम

    विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा तेज हुई। पटना-दिल्ली सहित कई जगहों पर कई बैठकें हुईं। इसके बाद विधानसभा चुनाव के तारीखों का एलान हुआ। बीते हफ्ते हुए सीट बंटवारे में चिराग पासवान की पार्टी की 29 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए सहमति बनी।

    29 सीटें ये दिखाती हैं कि एनडीए और बिहार में चिराग पासवान का दमखम बढ़ रहा है। निश्चित ही यह कह सकते हैं कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद चिराग का कद एनडीए में बढ़ा है।

    वक्त बताएगा किस करवट बैठेगा ऊंट

    बहरहाल, चुनावी महासमर जारी है, इस बीच में सीटों के बंटवारे हो चुके हैं। पहले दौर के नामांकन भी हो चुके है। पहले चरण में कुल 1976 नामांकन पत्र वैध पाए गए। विभिन्न पार्टियों से कई उम्मीदवारों ने नामांकन भर भी दिया है। दूसरे चरण के नामांकन की प्रकिया जारी है। ऐसे में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर 6 और 11 नवंबर को वोटिंग होनी है और परिणाम 14 नवंबर को आएगा।

    चिराग पासवान की LJPR इस बार 29 सीटें पर दावेदारी प्रस्तुत कर रही है। यदि विधानसभा चुनाव में उनकी ज्यादा सीटें आती है और सरकार बनाने में उनकी पार्टी की अहम भूमिका होगी। परंतु सियासी जानकारों का मानना यह भी है कि यदि विधानसभा चुनाव में सीटें कम होती है तो उनका सियासी कद भी घट सकता है।

    ऐसे में 14 नवंबर की तारीख को आने वाले परिणाम एलजेपीआर और चिराग पासवान की सियासी जमीन के लिए बेहद अहम होने वाले है। ऐसे में देखना होगा कि 14 नवंबर को सियासी ऊंट किस करवट बैठता है।

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