'माता सीता के अपमान का बिहार की धरती चाहती है जवाब', कांग्रेस ने पीएम मोदी से माफी की मांग की
पटना में कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी और अखिलेश प्रसाद सिंह ने प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी पर माता सीता के अपमान का आरोप लगाया। उन्होंने पीएम मोदी से माफी मांगने की बात की। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार ने संसद में सीतामढ़ी की ऐतिहासिक-पौराणिक धरती का घोर अपमान किया है।
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कांग्रेस का पीएम मोदी पर हमला। (जागरण)
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीतामढ़ी में शनिवार को चुनावी सभा थी। जिस वक्त पीएम मोदी सीतामढ़ी में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। ठीक उसी वक्त कांग्रेस ने उनपर माता सीता के अपमान के आरोप लगाए।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी और डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने पटना में एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि बिहार की धरती प्रधानमंत्री मोदी से माता सीता के अपमान का जवाब चाहती है।
सांसद तिवारी ने कहा कि बिहार की पवित्र भूमि, माता जानकी की जन्मस्थली के रूप में करोड़ों भारतीयों की आस्था का केंद्र है। परंतु, भाजपा सरकार ने संसद में उस ऐतिहासिक-पौराणिक धरती का घोर अपमान किया है।
उन्होंने राज्यसभा में एक सवाल का हवाला देकर कहा कि भाजपा सांसद प्रभात झा के प्रश्न पर सरकार का उत्तर था कि सीता के सीतामढ़ी (बिहार) में जन्म लेने के कोई ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। यह उत्तर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा दिया गया था।
भाजपा ने जिस प्रकार सीता माता का अपमान किया है उस पर प्रधानमंत्री जो आज सीतामढ़ी में हैं उन्हें इसका जवाब देना चाहिए और बिहार के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने बिहार में उद्योग बंदी के मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार को घेरा और कहा कि भाजपा-जदयू राज ने असीम औद्योगिक संभावनाओं वाले बिहार में सिर्फ पलायन उद्योग स्थापित किया।
20 वर्षों में इस सरकार ने बिहार को विकास और उद्योग के नक्शे से लगभग मिटा दिया है। कभी चीनी, पेपर, जूट, सिल्क और दूध उत्पादन के लिए प्रसिद्ध बिहार आज बेरोजगारी और पलायन का पर्याय बन चुका है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी बोला हमला
वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी अपने एक्स हैंडल पर ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 12 अप्रैल 2017 को राज्यसभा में भाजपा सरकार ने कहा था कि माता सीता के सीतामढ़ी में जन्म लेने का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह बयान बिहार की आस्था, मिथिला की अस्मिता और सांस्कृतिक गौरव का सीधा अपमान है। वहीं, कांग्रेस सरकार ने 2011-2013 में रामायण सर्किट बनाकर सीतामढ़ी-पुनौरा धाम सहित बिहार के प्रमुख धार्मिक स्थलों को धार्मिक-पर्यटन धरोहर के रूप में विकसित करने की योजना बनाई थी।

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