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    बिहार में बढ़ती ठंड के साथ प्रदूषण की दोहरी मार, अस्पतालों में बढ़ी COPD मरीजों की संख्या 

    Updated: Sat, 06 Dec 2025 08:25 PM (IST)

    बिहार में ठंड और प्रदूषण के कारण अस्पतालों में सीओपीडी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण और ठंड से सांस लेने में तकलीफ और ...और पढ़ें

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    मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पटना। मौसम के बदलते तेवर और वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या ने लोगों की सेहत पर दोहरी मार डाली है। शहर में वायरल बुखार के मामलों में तेजी के साथ ही खांसी, गले में जलन और बलगम की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं।

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    सबसे चिंताजनक बात यह है कि वायरल संक्रमण से उबरने के बाद खांसी अब पहले की तुलना में ज्यादा दिनों तक बनी रह रही है। आइजीआइएमएस के टीबी व चेस्ट विभाग की ओपीडी में रोजाना आने वाले मरीजों में करीब एक तिहाई ऐसे ही मामले हैं।

    विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष शंकर बताते हैं कि सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को उनकी ओपीडी में औसतन तीन सौ मरीज आते हैं, जिनमें 100 मरीज लंबे समय तक बनी रहने वाली खांसी और गले से जुड़ी समस्याओं से परेशान होते हैं।

    इसके अलावा, ठंड और प्रदूषण के कारण सीओपीडी (क्रानिक आब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) और दमा रोगियों की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं। ऐसे मरीजों को सांस लेने में परेशानी, सीने में जकड़न और लगातार खांसी की समस्या ज्यादा दिनों तक बनी रहती है।

    वायरल के बाद श्वसन तंत्र में सूजन, प्रदूषण को बना रही घातक

    वायरल इंफेक्शन के बाद श्वसन तंत्र में सूजन रह जाती है। इसी बीच जब मरीज प्रदूषण विशेषकर धूल, स्माग व वाहन धुएं में मौजूद सूक्ष्म कणों के संपर्क में आते हैं, तो यह सूजन बढ़ जाती है और खांसी हफ्तों तक बनी रहती है।

    एक शोध के अनुसार पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे कण वायु मार्ग की आंतरिक परत को क्षतिग्रस्त कर देते हैं। इससे सांस नली की संवेदनशीलता बढ़ जाती है। ऐसे हालात में वायरल संक्रमण से उबरने के बाद भी शरीर सामान्य अवस्था में जल्दी नहीं लौट पाता।

    प्रदूषण का स्तर जितना ज्यादा होगा, खांसी उतनी लंबी खिंच सकती है। विशेष रूप से बुजुर्गों और पहले से दमा या सीओपीडी से पीड़ित लोगों में यह प्रभाव और गंभीर पाया गया है।

    कैसे करें बचाव?

    डॉ. मनीष शंकर ने बताया कि जब तक ठंड है, प्रदूषण सामान्य से अधिक रहेगा। इस बीच खांसी-श्वसन संबंधी समस्याओं से बचाव के लिए लोगों को सतर्क रहना जरूरी है। थोड़ी-सी सावधानी से इन समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है।

    • प्रदूषण वाले इलाकों में जाते समय मास्क अवश्य पहनें।
    • धूल-मिट्टी, धुएं और स्माग के संपर्क में आने से बचें।
    • गरम पानी पिएं और सुबह-शाम भाप लेते रहें, इससे श्वसन मार्ग खुला रहता है।
    • खांसी तीन सप्ताह से अधिक रहे या सांस लेने में परेशानी हो, तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।