'बिहार में बड़ी मछलियां कब पकड़ी जाएंगी?', भ्रष्टाचार को लेकर जनसुराज का नीतीश सरकार पर तंज
जन सुराज पार्टी ने बिहार में भ्रष्टाचार के मामलों पर सवाल उठाए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के यहां छापे और आय से अधिक संपत्ति के मामले उजागर हुए हैं। पार्टी ने सरकार की 10 हजार रुपये की रोजगार योजना को भी मजाक बताया है और मुख्यमंत्री से इस पर जवाब मांगा है। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार में लिप्त बड़ी मछलियों पर कार्रवाई कब होगी?

राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (जसुपा) के प्रदेश महामंत्री किशोर कुमार ने कहा है कि बिहार में भ्रष्टाचार का बड़ा तंत्र अपनी जड़ें जमा चुका है।
शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय उपनिदेशक के तीन ठिकानों पर हुई कार्रवाई उदाहरण मात्र है। इससे पहले सहरसा में शिक्षा विभाग के ही कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार के पास आय से 300 प्रतिशत अधिक संपत्ति मिली थी।
ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियर विनोद राय के घर रेड पड़ा तो उन्होंने करोड़ों रूपये के नोट ही जला दिए। यह लोग भ्रष्टाचार के इस समुद्र की छोटी मछलियां भर हैं। जनता पूछ रही कि बड़ी मछलियों पर कार्रवाई कब होगी?
भ्रष्टाचार उन्मूलन के नाम पर मात्र मध्यम और निम्न स्तर के कर्मचारियों को निशाना बनाना पर्याप्त नहीं है। बड़े अधिकारियों और उनको संरक्षण देनेवाले नेताओं के नेटवर्क का भंडाफोड़ भी होना चाहिए।
10 हजार रुपये में रोजगार का आइडिया भी बता दें मुख्यमंत्री : उदय
जन सुराज पार्टी (जसुपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने बिहार सरकार द्वारा महिला रोजगार के नाम पर 10 हजार रुपये देने की योजना को मजाक बताया है।
उनका कहना है कि महिलाएं कह रहीं कि यह अच्छा है 10 हजार रुपये मिल रहे हैं, लेकिन वोट तो वहीं देंगे, जहां हम चाहते हैं। बिना प्रशिक्षण के 10 हजार रुपये में कौन सा बिजनेस शुरू होता है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास इसका कोई आइडिया हो तो बता दें। जसुपा के आने के बाद वे नींद से जागे और सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ा दी। फ्री बिजली दे दी। वेतन और मानदेय बढ़ा दिया। अभी तो आगे पता नहीं क्या-क्या करेंगे।
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