बुजुर्ग दंपती को घर में किया डिजिटल अरेस्ट, 27 लाख ट्रांसफर होने से पहले पहुंच गई पुलिस
पटना में साइबर ठगों ने एक बुजुर्ग दंपती को डिजिटल अरेस्ट कर 27 लाख रुपये की मांग की। ठगों ने खुद को नारकोटिक्स विभाग का अधिकारी बताकर ड्रग्स बरामद होने का डर दिखाया। दंपती ने पैसे ट्रांसफर करने की तैयारी कर ली थी, लेकिन पुलिस ने समय रहते पहुंचकर उन्हें बचा लिया। उनकी बेटी ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और दंपती को ठगी से बचाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

बुजुर्ग दंपती को किया डिजिटल अरेस्ट
जागरण संवाददाता, पटना। पाटलिपुत्र कॉलोनी थाना क्षेत्र में सेवानिवृत्त डिविजनल मैनेजर श्यामानन्द झा और उनकी पत्नी को साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया। साइबर ठगों ने खुद को नारकोटिक्स विभाग मुम्बई का अधिकारी बताया। उसने दावा किया कि उनके नाम का एक पार्सल पकड़ा गया है। उसमें ड्रग्स, पासपोर्ट, एटीएम कार्ड है, जिसे थाईलैंड भेजा जाना था।
ड्रग्स बरामद होने की बात कहकर गिरफ्तारी का भय दिखाया। ठग लगातार पांच दिनों तक फ्लैट में ही उन्हें आडियो और वीडियो कॉल पर बनाए रखा। गिरफ्तारी और जेल से जाने से बचने के नाम पर ठगों ने 27 लाख रुपये की मांग की थी।
पीड़ित इस कदर डर गए कि वह बिना किसी को कुछ बताए बैंक जाकर अपना फिक्स डिपोजिट (एफडी) तुड़वाकर 27 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिए साइबर ठग के खाते में भेजने की तैयारी कर रहे थे। इसके पहले ही डिजिटल अरेस्ट की सूचना पाटलिपुत्र थाना पुलिस को मिल गई।
थानेदार अतुलेश कुमार सिंह की टीम पीड़ित के फ्लैट में पहुंचे और उन्हें साइबर ठगी का शिकार होने से बचा लिया। डीएसपी विधि व्यवस्था-2 मो. मोहिबुल्ला अंसारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
एक सप्ताह पूर्व मुंबई से लौटे थे पटना
श्यामानन्द झा पत्नी के साथ एक सप्ताह पूर्व ही मुंबई में बेटी के यहां से वापस पाटलिपुत्र स्थित फ्लैट में लौट थे। पांच दिन पूर्व उनके मोबाइल पर एक अंजान नंबर से वीडियो कॉल आया। सामान्य कॉल की तरह वह निश्चिंत होकर उसे रिसीव की। दूसरी तरफ से आई आवाज में एकदम पेशवर विनम्रता थी।
पर उन्हें क्या पता, यह घोटालेबाजों की भयावह चाल थी। बोला कि वह मुंबई अंधेरी में नारकोटिक्स विभाग में अधिकारी है। आपके नाम से थाइलैंड भेजा जा रहा एक पार्सल अंधेरी मुंबई में कुरियर सेवा से जब्त किया गया है। उसमें ड्रग्स के साथ पासपोर्ट सहित अन्य कागजात हैं। साथ ही आपका आधार कार्ड लगा हुआ है। यह सुनकर वह सन्न रह गए।
पीड़ित के डरते ही फोन करने वाले का आवाज बदल गया। जैसे सधी हुई और रौंबदार आवाज में बोला गया कि पार्सल में ड्रग्स और संदिग्ध दस्तावेज होने के कारण उन्हें और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया है। सीरियस केस है, इसके बारे में किसी को नहीं बताएंगे।
ड्रग्स और गिरफ्तारी की बात से वह डर गए। इसके बाद ठग ने घर में ही बंदी बना दिया। श्यामानन्द झा को निर्देश दिया गया जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती हैं, वह लगातार वीडियो और आडियाे कॉल पर बने रहे।
वीडियो कॉल कटने पर आडियो पर रहते थे ठग
ऑनलाइन अरेस्ट के दौरान दंपत्ति पर नजर रखी जाती थी। दंपत्ति इस कदर डर गए थे कि वह पांच दिनों तक अपना दिन प्रतिदिन का काम करते हुए भी आडिया और वीडियो कॉल पर रखते थे। आसपास के लोगों से मिलते जुलते भी थे, लेकिन वह किसी से इस बात की इस बात का जिक्र नहीं करते थे। रात में भी वीडियो कॉल जारी रहता था और दंपत्ति सो जाते थे।
ठगों ने उन्हें गिरफ्तारी का भय दिखाकर 27 लाख रुपयेऑनलाइन ट्रांसफर करने को। पैसा का इंतजाम करने के लिए पीड़ित सोमवार को बैंक गए थे। वहां फिक्स डिपॉजिट (एफडी) तोड़कर 27 लाख का इंतजाम किया। मंगलवार को आरटीजीएस के जरिए वह ठगों के खाते द्वारा उसे साइबर ठग के खाते में भेजने की तैयारी कर रहे थे।
रात एक बजे पहुंची पुलिस, जारी था वीडियो कॉल
इसी बीच मुंबई में रहने वाली उनकी बेटी जब पिता को फोन की तब उन्हें संदेह हुआ कि कुछ ठीक नहीं। उन्हें पता चला कि माता-पिता को साइबर ठगों के जाल में फंसे गए। उन्होंने बिना देर किए सोमवार की रात करीब एक बजे पाटलिपुत्र पुलिस को फोन किया। बताया कि माता-पिता को कुछ दिनों से डिजिटल अरेस्ट कर रखा है।
सूचना के तुरंत बाद थानेदार अतुलेश कुमार सिंह की टीम पीड़ित के फ्लैट में पहुंच गए। काफी देर तक आवाज देने के बाद दरवाजा खुला। तब भी पीड़ित के मोबाइल पर वीडियो कॉल आन था। पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए न केवल राशि को ट्रांसफर होने से बचाया बल्कि दोनों को मानसिक दबाव और साइबर ठगी से मुक्त कराया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।