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    Dhanteras 2025: धनतरेस पर चंद्र, शुक्र और सूर्य का बना रहेगा संयोग, दोपहर बाद खरीदारी के संयोग

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 12:37 PM (IST)

    धनतेरस 18 तारीख को मनाई जाएगी, जिसमें त्रयोदशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन चंद्र, शुक्र और सूर्य का शुभ संयोग रहेगा। मां लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि देव की पूजा से धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की कामना की जाती है। प्रदोष काल में पूजन और शुभ वस्तुओं की खरीदारी का विशेष महत्व है, जिससे धन में तेरह गुना वृद्धि होती है।

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    शनि प्रदोष व्रत का विशेष महत्व

    जागरण संवाददाता, पटना। धनतेरस में मां लक्ष्मी की कृपा पटना में बरसने वाली है। शनिवार को त्रियोदिशी तिथि दोपहर 12.18 बजे से आरंभ होगी और 19 को दोपहर 1.51 बजे तक रहेगी। ज्योतिष दृष्टि से धन त्रयोदशी पर्व में संध्याकाल पूजन का विशेष महत्व है और संध्याकाल में त्रयोदशी केवल 18 को है। ऐसे में शनिवार को इस तिथि पर धनतेरस मनाई जाएगी। हालांकि 19 अक्टूबर को भी धनतेरस पर खरीदारी कर सकते हैं।

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    ज्योतिष आचार्य पीके युग ने पंचांगों के हवाले से बताया कि धनतेरस पर चंद्र, शुक्र और सूर्य का संयोग बना रहेगा। धनतेरस पर धन, ऐश्वर्य, वैभव व समृद्धि में वृद्धि की कामना से मां लक्ष्मी, कुबेर के साथ आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि देव की विधिवत पूजा अर्चना होगी। धन त्रयोदशी के दिन चंद्रमा दोपहर 3.41 बजे तक रहेगा।

    धन समृद्धि के ग्रह शुक्र के नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी में होंगे। धनतेरस पर पूजन का मुहूर्त शाम को 7.16 बजे से रात्रि के 8.20 बजे तक पूजन का श्रेष्ठ समय है। खरीदारी का शुभ समय प्रदोष काल में शाम 5.45 बजे से रात्रि के 8.20 बजे तक। वृषभ काल में शाम 7.16 बजे से 9.11 बजे तक एवं शुभ चौघड़िया मुहूर्त रात्रि 8.55 बजे से 10.30 बजे तक है ऐसे में खरीदारी कर सकते हैं। धनतेरस पर धन, ऐश्वर्य, वैभव व समृद्धि में वृद्धि की कामना से माता लक्ष्मी, कुबेर के साथ आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि देव की विधिवत पूजा-अर्चना होगी।

    शनि प्रदोष व्रत का विशेष महत्व

    धनतेरस के दिन प्रदोष काल की पूजा सबसे उत्तम होगा। पंडित राकेश झा ने बताया कि इस काल में महादेव, कुबेर, धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, नवग्रह के साथ संकटमोचन हनुमान की आराधना करना सबसे शुभ और उत्तम होगा। यह पर्व सुख-समृद्धि, आरोग्यता, मानसिक शांति के साथ ऋण मुक्ति का भी है। स्कंदपुराण के अनुसार इस दिन प्रदोषकाल में यम के निमित तिल तेल का दीपक घर के बाहर दक्षिण मुख दिखाने से काल- संकट, रोग,शोक, भय, दुर्घटना, अपमृत्युनाश अकाल मृत्यु से बचाव होता है।

    शुभता व समृद्धिदायी वस्तु की होगी खरीदी

    धार्मिक मान्यताओं के आधार पर धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में पंच द्रव्य की खरीदारी करने से धन में तेरह गुना वृद्धि होती है। इस दिन आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि देव से उत्तम स्वास्थ्य की कामना से उनका पूजन होगा। शास्त्रों में उत्तम स्वास्थ को ही असली धन माना गया है। धनतेरस के दिन शुभता व समृद्धिदायी वस्तुओं में लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, कौरी, कमलगट्टा, धनिया, हल्दी गांठ, मिट्टी के पात्र, सोना, चांदी, पीतल, तांबा, कांसा, अष्टधातु के बर्तन, वस्त्र, सजावटी वस्तु, भूमि-भवन की खरीदारी शुभ होगा।