Hello Jagran: लंबे समय से कब्ज की समस्या से हैं परेशान? गैस्ट्रोलॉजिस्ट से जानें निदान
लंबे समय से कब्ज की समस्या को अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है। कोलनोस्कोपी और एंडोस्कोपी जैसी जांचें जरूरी हैं। बदलती जीवनशैली में कब्ज आम है पर यह पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियों का संकेत हो सकता है। Hello Jagran में डॉ. मनीष मंडल ने पाठकों की समस्याओं पर बात की और समाधान बताए।

जागरण संवाददाता, पटना। अगर आप लंबे समय से कब्ज की समस्या से जूझ रहे हैं, तो इसे हल्के में लेना आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। पुराने कब्ज के मामलों में क्लोनोस्कोपी और एंडोस्कोपी जैसी जांच जरूरी होती है। इन आधुनिक जांचों से शरीर के भीतरी अंगों की सूक्ष्मता से जांच की जा सकती है और कब्ज के पीछे छिपे गंभीर कारणों का पता लगाया जा सकता है।
बदलती जीवनशैली में कब्ज एक आम समस्या बन गई है। पर यह समस्या जब लंबी अवधि तक बनी रहती है, तो यह पाचन तंत्र से जुड़ी अन्य बीमारियों का संकेत भी हो सकती है। खासकर आंतों में सूजन, पालीप्स, या कभी-कभी कोलन कैंसर की बीमारी आपको चपेट में ले सकती है।
रविवार को आपके लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो जागरण में इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के गैस्ट्रो सर्जरी विभागाध्यक्ष एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने पाठकों की बीमारी व समस्याओं पर बातचीत के दौरान यह बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने काफी पाठकों के परेशानी का समाधान बताया।
ये रहे कुछ सवाल और डॉक्टर के जवाब
गौरी शंकर पांडेय नौबतपुर, देवेंद्र राय महनार और अखिलेश कुमार बिहिया ने पूछा, लंबे समय से कब्जियत है, क्या करें?
यदि आपको लंबे समय से कब्ज की शिकायत है, तो आप गैस्ट्रोलॉजिस्ट के पास जाकर प्रापर जांच कराएं। इसमें क्लोनोस्कोपी के साथ-साथ इंडोस्कोपी कराएं। इससे बीमारी का असली जानकारी मिलेगी। -डॉक्टर
शिव प्रसाद गुप्ता छपरा से शिव प्रसाद ने पूछा, दो-तीन महीने से पेट में दर्द व भारीपन बना रहता है, क्या करें?
यदि आपको शुगर व बीपी है तो यह समस्या बनी रहेगी, क्योंकि शुगर अनियंत्रित रहने से आंत की चाल कम हो जाती है। ऐसे में आप शुगर को नियंत्रित रखें। कद्दू, नेनुआ, पत्तागोभी आदि का सेवन करें। -डॉक्टर
वैशाली से जगत कुमार सिंह ने पूछा, गैस की समस्या है, क्या करें?
गैस की समस्या बहुत आम है, लेकिन अगर यह बार-बार होती है या बहुत ज्यादा तकलीफ देती है। ऐसे में इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डॉक्टर से मिलकर उचित सलाह लें। साथ ही तला-भूना भोजन ना करें। खाना चबा-चबा कर खाएं। अनियमित भोजन ना करें, तनाव व चिंता से दूर रहें। -डॉक्टर
गया से शैलेश कुमार का सवाल- गैस की परेशानी है, थकावट व वजन नहीं बढ़ रहा है
आप सबसे पहले थायरायड जांच कराएं। इसके बाद नजदीकी डॉक्टरसे मिले। -डॉक्टर
दानापुर से पुष्पलता सिन्हा और गया से अजय कुमार ने पूछा, लिवर में चर्बी है, क्या परहेज करें?
फैटी लिवर ग्रेड वन है तो आप खान-पान से ठीक कर सकते है। यदि ग्रेड टू है तो इसमें भी खानपान को संयमित करने के साथ-साथ व्यायाम कर ठीक कर सकते हैं, जबकि ग्रेड थ्री में लिवर बायोप्सी जरूरी होता है। इससे लिवर सीरोसिस से बचाव किया जा सकता है। -डॉक्टर
पटना से जय विनोद शर्मा और मनेर से संजय कुमार ने पूछा कि पेट की मौसमी बीमारियों से कैसे बचें?
इस मौसम में पेट में ऐठन, हल्की दर्द, बदबूदार गैस, उल्टी जैसा महसूस होने की समस्या होती है। ऐसे में अपने खान-पान को ठीक करें। ऐसी स्थिति में पांच-सात दिन गैस की दवा लें। दही-छाछ, लस्सी के साथ-साथ रेसेदार भोजन करें। -डॉक्टर
इन्होंने भी पूछे सवाल
मो. रिजवान गया, वीरेंद्र प्रसाद राजाबाजार, मुकेश झा सिवान, सुरेश सिंह महनार, अरविंद कुमार कुम्हरार, पल्लवी हाजीपुर, सबनम आरा, सन्नी आरा, राहुल जहानाबाद, रानी गोपालगंज आदि।
जांच से मिलती है सटीक जानकारी
Dr Manish Mandal ने बताया कि क्लोनोस्कोपी एक विशेष प्रकार की जांच है इसमें डॉक्टर एक पतली ट्यूबनुमा यंत्र की मदद से बड़ी आंत (कोलन) के अंदर देखते है, जबकि एंडोस्कोपी से भोजन नली, पेट और छोटी आंत के ऊपरी हिस्से की जांच की जाती है। इन दोनों प्रक्रियाओं के जरिए डॉक्टर कब्ज का मूल कारण समझ पाते हैं, जिससे उचित इलाज संभव होता है।
दिनचर्या और आहार में लाएं सुधार
डॉक्टर ने बताया कि कब्ज से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने खानपान और दिनचर्या को संतुलित रखें। इसमें रेशेदार सब्जियों का सेवन करें। इसके तहत पालक, गाजर, भिंडी, फूलगोभी जैसी सब्जियों में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है।
जंक फूड से बचते हुए इटैलियन और चाइनीज फास्ट फूड जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, नूडल्स से बचें, यह हमारे पाचन क्रिया को धीमा करते हैं। इससे गैस व कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। ज्यादा तला-भुना खाना कब्ज की जड़ हो सकता है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए हर दिन योग, प्राणायाम और हल्की शारीरिक गतिविधि पाचन को सक्रिय रखती है। समय पर भोजन करें और ओवरईटिंग से बचें। इसके तहत अनियमित भोजन से कब्ज की समस्या और बढ़ जाती है।
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