Bihar Election 2025: नई पीढ़ी को संदेश दे रहे थे वृद्धजन, हमने देखा है लोकतंत्र की पौध को फलते-फूलते
इस लेख में बिहार में मतदान के दौरान वृद्ध मतदाताओं के उत्साह का वर्णन है। 102 वर्षीय मेहंदी हसन जैसी बुजुर्ग महिलाओं और 90 वर्षीय राम कृपालु सिंह जैसे पुरुषों ने लोकतंत्र के प्रति अपनी अटूट निष्ठा दिखाई। उन्होंने नई पीढ़ी को मतदान के महत्व का संदेश दिया और लोकतंत्र को मजबूत रखने की प्रेरणा दी।
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जिले के विभिन्न मतदान केंद्रों को बुजुर्ग व दिव्यांग मतदान की मदद करते सुरक्षा को लेकर तैनात जवान। (जागरण)
जागरण टीम, पटना। लोकतंत्र की पौध को अपनी आंखों के सामने लगते देखा। उसे बढ़ते देखा। स्वयं भी सींचा। लोकतंत्र के उस विशाल वृक्ष की छांव में पीढ़ियां पलती-बढ़ती रहीं। पुरानी पीढ़ी नई पीढ़ी का उससे परिचय कराती रही।
गुरुवार को मतदान केंद्रों पर जब वृद्धजन मतदान के लिए पहुंच रहे थे तो वह उस विशाल वृक्ष की छांव ही थी। उस छांव में साथ साथ वे युवा मतदाता भी, जिन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया और अपनी इस व्यवस्था की ताकत को महसूस किया है।
पुरानी पीढ़ी वह, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के बाद लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने में अपनी भूमिका का निर्वहन किया। आज भी वही उत्साह, गर्व के वही भाव। इनमें 90 वर्ष पार कर चुके वृद्ध भी थे, जिन्होंने देश में हुए पहले मतदान में भी हिस्सा लिया।
102 वर्षीया मेहंदी हसन डालने पहुंची वोट
गोपालगंज जिले के फुलवरिया प्रखंड के पैकौली नारायण मतदान केंद्र पर 102 वर्षीया मेहंदी हसन वोट डालने पहुंचीं तो मतदानकर्मियों से लेकर आमजन ने उनके लिए तुरंत रास्ता बनाया। यह सम्मान था अपने उन बुजुर्गों के लिए, जो साक्षी रहे हैं लोकतंत्र के पौधारोपण से लेकर उसके विशाल वृक्ष बनने तक के। पुलिस के जवान और मतदानकर्मी उन्हें व्हीलचेयर पर सम्मान के साथ अंदर ले गए।
जब वे अंगुली में नीली स्याही के निशान के साथ निकलीं तो चेहरे पर हल्की मुस्कान। वे कहती हैं, लोकतंत्र एक उत्सव है। इसमें सब लोग पूरे उत्साह से भाग लो। यही अपने देश की व्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत है। हमने देश को स्वतंत्र होते भी देखा है। बैलगाड़ी पर मतपेटी ले जाते भी देखा है। अब बटन भी दबा रहे, कहां से कहां पहुंच गए।
स्थानीय लोगों ने कहा कि जब मेहंदी हसन जैसी वरिष्ठ नागरिक इतनी उम्र में भी मतदान करने आती हैं, तो युवाओं को तो उनसे जरूर सीख लेनी चाहिए।
अपने लोकतंत्र को रखना है मजबूत
बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर विधानसभा क्षेत्र के छौड़ाही प्रखंड क्षेत्र में तेज धूप में भी 90 से 95 वर्ष की आयु में मतदान कर रहे वृद्ध मतदाता औरों के लिए प्रेरणा थे। एकंबा पंचायत में मतदान केंद्र संख्या 185 से लौट रहे 90 वर्षीय डॉ. राम कृपालु सिंह उत्साह के साथ पहुंचे थे। उनकी पत्नी 88 वर्षीया शांति देवी भी साथ थीं।
दोनों ने अपनी अंगुली पर नीली स्याही दिखाते हुए कहा कि मतदान हमारा कर्तव्य है। अपने लोकतंत्र को हमेशा मजबूत रखना है। अपनी पसंद की सरकार चुनने का अवसर यूं ही जाया नहीं कर सकते। अच्छे प्रतिनिधियों का चुनाव करना चाहिए। उनकी बातें सुनकर आसपास खड़े युवा मतदाता भी प्रेरित नजर आए।
शांति देवी कहती हैं कि जब तक शरीर में ताकत है, लोकतंत्र की डगर से पीछे नहीं हटेंगी। बरदाहा गांव स्थित मतदान केंद्र संख्या 127 पर 92 वर्षीय सरजुगिया देवी भी युवाओं को सीख दे रही थीं।
उन्होंने कहा, ‘अब तक सब लोकसभा, विधानसभा आ पंचायत चुनाव में वोट देले छियै। जेकरा वोट देले छी, ओही के सरकार बनल छै। ई बेर फेर वोट देलियै बाल-बच्चा के भविष्य के सवाल छै...। ‘ हर चुनाव में वोट दिया है। बड़ा अच्छा लगता है। कई स्थानों पर वृद्ध जन लाठी टेकते मतदान केंद्रों पर पहुंचे।
अधिकारियों ने बताया कि इस बार वरिष्ठ नागरिकों में मतदान को लेकर अभूतपूर्व जोश देखने को मिला है। वरिष्ठ मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। व्हीलचेयर और सहायताकर्मियों की सुविधा से उन्हें कतार में खड़ा नहीं रहना पड़ा। बुजुर्ग मतदाताओं के इस उत्साह ने मतदान के पर्व में उल्लास भर दिया है।
रजिस्टर्ड बुजुर्ग मतदाताओं में से लगभग 80 प्रतिशत मतदाताओं ने तीन बजे से पहले ही मतदान कर लिया था, जो विभिन्न आयु वर्ग के मतदाताओं में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत दर्शाता है।

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