Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    CEC ने बिहार चुनाव की तैयारियों का लिया जायजा, प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- 22 नवंबर से पहले होंगे चुनाव

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 10:11 AM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच चुनाव आयोग राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए गहन समीक्षा कर रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में टीम धन और बाहुबल के दुरुपयोग को रोकने के उपायों का आकलन कर रही है। आयोग आयकर विभाग पुलिस और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ कार्य योजनाओं की समीक्षा कर रहा है।

    बिहार में मुख्य चुनाव आयुक्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस आज

    डिजिटल डेस्क, पटना।  जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियां तेज होती जा रही हैं। चुनाव आयोग (ECI) स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए रविवार को भी चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया और चुनाव की तैयारियों के बारे में बताया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने बताया कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है। इस लिए चुनाव इससे पहले संपन्न हो जाएंगे। एक फेज में चुनाव के सुझाव पर चुनाव आयोग विचार करेगा।

    अपने दौरे के दूसरे दिन यानी आज मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में ईसीआई की शीर्ष टीम, बिहार के चुनावी परिदृश्य में दो प्रमुख चुनौतियों, धन और बाहुबल के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से उपायों का आकलन करने और उन्हें मजबूत करने के लिए प्रवर्तन एजेंसियों के साथ पटना में महत्वपूर्ण बैठकें की।

    आयोग आज आयकर विभाग, पुलिस और अन्य प्रवर्तन निकायों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आगामी चुनावों में पारदर्शिता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए कार्य योजनाओं की समीक्षा की।

    ये बातचीत अंतर-एजेंसी समन्वय बढ़ाने, सतर्कता बढ़ाने और सभी राजनीतिक दलों के लिए एक समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए लक्षित रणनीतियों को लागू करने पर केंद्रित है।

    इसके बाद मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ राज्य स्तरीय समन्वय की उच्च स्तरीय समीक्षा की जाएगी। 

    कल की बैठक में सभी राजनीतिक दल हुए शामिल

    शनिवार को सीईसी ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की टीम ने सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा की, जिसमें भाजपा, कांग्रेस, जेडी(यू), आरजेडी, एलजेपी (रामविलास), आरएलजेपी, सीपीआई, सीपीआई(एम), सीपीआई(एमएल-लिबरेशन), बीएसपी, आप और एनपीपी सहित प्रमुख राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 

    इसने सभी दलों को चुनावों को उत्सवपूर्ण और समावेशी तरीके से मनाने के लिए प्रोत्साहित किया। राजनीतिक दलों ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पूरा करने और मतदाता सूची को शुद्ध करने में चुनाव आयोग के प्रयासों की सराहना करते हुए, छठ पर्व के तुरंत बाद चुनाव कराने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कम चरणों में चुनाव कराने का अनुरोध किया।

    उन्होंने प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की संख्या 1,200 तक सीमित करने, समय पर डाक मतपत्रों की गिनती और मतदान के बाद पार्टी एजेंटों को फॉर्म 17सी अनिवार्य रूप से सौंपने जैसे सुधारों का भी स्वागत किया।--

    समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ